जैसे भारत में हो रहे मस्जिदों के सर्वे, क्या पाकिस्तान में होती है मंदिरों की जांच?
तकरीबन 4 साल पहले पाकिस्तान के स्वात जिले में पुरातात्विक विभाग ने पुराना मंदिर खोजा था. यह मंदिर तकरीबन 1,300 साल पुराना था. साथ ही इस मंदिर को भगवान विष्णु का माना गया.
Temples In Pakistan: आपने अक्सर खबरों में सुना होगा कि भारत में मस्जिदों के सर्वे होते हैं, लेकिन क्या इस तरह के सर्वे पाकिस्तान में होते हैं? जैसे भारत में हो रहे मस्जिदों के सर्वे, क्या पाकिस्तान में होती है मंदिरों की जांच? दरअसल इस सवाल का जवाब है हां... जैसे भारत में मस्जिदों के सर्वे होते हैं, ठीक उसी तरह पाकिस्तान में मंदिरों की जांच होती है. तकरीबन 4 साल पहले पाकिस्तान के स्वात जिले में पुरातात्विक विभाग ने पुराना मंदिर खोजा था. यह मंदिर तकरीबन 1,300 साल पुराना था. साथ ही इस मंदिर को भगवान विष्णु का माना गया.
इसके अलावा तकरीबन 5 साल पहले 2029 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने शिवाला तेजा सिंह टेंपल को 72 साल बाद खुलवाया था. इसके बाद इस मंदिर में फिर से पूजा-पाठ शुरू हुआ. गौरतलब है कि पाकिस्तान में राज्य धर्म इस्लाम है और यहां 96 फीसदी आबादी इस्लाम धर्म को मानती है, लेकिन इसके अलावा पाकिस्तान में कई हिंदू मंदिर हैं. जिसमें श्री हिंगलाज माता मंदिर, श्री रामदेव पीर मंदिर, कटासराज शिव मंदिर प्रमुख हैं. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के किनारे बना मंदिर माता सती के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है.
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पाकिस्तान में हिंदू और सिख्स आबादी में भारी गिरावट
दरअसल इस तरह की खबरें सामने आती रहती हैं कि पाकिस्तान में हिंदू मंदिर के सर्वे होते रहे हैं. साथ ही कई मंदिरों की पुरातात्विक विभाग की टीम पड़ताल करती रही है. इसके अलावा पाकिस्तान में हिंदू मंदिर और हिंदू धर्म को मानने वालों पर जुल्म बेहद सामान्य है.
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आंकड़े बताते हैं कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में हिंदू धर्म और सिक्ख धर्म को मानने वाले लोगों की तादाद तकरीबन 23 फीसदी थी, लेकिन आज के समय में यह संख्या महज 3.7 फीसदी रह गई है.
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