इंटरनेट के इस युग में फोन सबकी जरूरत बन चुकी है. आज अधिकांश लोगों के पास स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधा मौजूद है. लेकिन जब किसी यूजर को फोन का नेट और नेटवर्क बंद करना होता है, या फ्लाइट में सफर के दौरान उसका फ्लाइट मोड में करना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंसान के शरीर में भी फ्लाइट मोड होता है. जी हां, जानिए इंसान के शरीर का फ्लाइट मोड कैसे काम करता है.


फ्लाइट मोड


स्मार्ट फोन आज हर इंसान की जरूरत बन चुका है. लेकिन जब किसी भी यूजर को अपने फोन का सभी तरह का नेटवर्क बंद करना होता है, जिसमें इंटरनेट, कॉलिंग नेटवर्क, ब्लूटूथ मोड शामिल है, तो यूजर उसे फ्लाइट मोड में रखता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंसान शरीर कब फ्लाइट मोड की स्थिति में जाता है. इंसान का शरीर


बता दें कि किसी भी इंसान का उसके अपने मौलिक स्वभाव से विचलित होना ही मानसिक एवं शारीरिक तनाव का कारण है. वहीं अपनी प्रकृति एवं मूल स्वभाव से अधिक या उसके विरुद्ध कुछ कर दिखाने की इच्छा शरीर में ‘फ्लाइट मोड’ या ‘थ्रेट मोड’ को जन्म देती है.


फ्लाइट मोड क्या 


अब सवाल ये है कि इंसान के शरीर में फ्लाइट मोड क्या है. बता दें कि किसी तरह का खतरा महसूस होने पर शरीर में कुछ प्राकृतिक रासायनिक क्रियाएं होती है, जो व्यक्ति की कार्यक्षमता असाधारण रूप से बढ़ा देती है, लेकिन जल्द ही यह थकान पैदा करती हैं. वहीं शिक्षा प्रणाली इसी प्रक्रिया से विकसित कार्यक्षमता से प्रभावित होकर इसे क्रमिक अभ्यास द्वारा एक नियमित आदत के रूप में हमारे अंतर्मन में स्थापित कर देती है. जिसके बाद हम जीवन में आने वाली हर परिस्थिति को एक खतरे के रूप में देखने के अभ्यस्त हो जाते हैं. 


शरीर को कब मिलता है संकेत


आपने कई बार महसूस किया होगा कि जब किसी जगह आपको खतरा महसूस होता है, तो आपको शरीर तुरंत बताता है. इतना ही नहीं कई बार आप आने वाली समस्या को समझते हुए वहां से हट भी जाते हैं. इसके अलावा कुछ लोग समस्याओं से भागने की जगह उसका सामना करते हैं. लेकिन कुछ लोग इन समस्याओं से डरकर भाग जाते हैं. शरीर में ये सभी बदलाव फ्लाइट मोड के कारण ही होता है. मस्तिष्क एक ऐसा अंग है, जो आपको सभी स्थिति में सूचना देता है.


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