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ईरान के इस गांव को कहा जाता है 'लिलीपुट लैंड, यहां रहने वाला हर एक इंसान है बौना
ईरान और अफगानिस्तान सीमा से लगभग 75 किलोमीटर दूर माखुनिक गांव है जहां रहने वाले सभी लोग बौने हैं. ईरान की इस जगह को लिलपुट लैंड के नाम से भी जाना जाता हैं.
![ईरान के इस गांव को कहा जाता है 'लिलीपुट लैंड, यहां रहने वाला हर एक इंसान है बौना Lilliput Land is 75 kilometers away from Iran and Afghanistan border, dwarves live here ईरान के इस गांव को कहा जाता है 'लिलीपुट लैंड, यहां रहने वाला हर एक इंसान है बौना](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/09/c74acc5cb536d845a35a66959bc51e671670580634211506_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लिलपुट लैंड
Dwarf Village Of The World: ये दुनिया जितनी बड़ी है उतनी ही अनोखी भी है. नजर घुमाकर देखेंगे तो ऐसी कई चीजें नजर आएंगी जो आपको हैरान कर देंगी. कई ऐसी तस्वीर देखने को मिलेगी जिन पर विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा. आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां एक दो नहीं बल्कि गांव के सभी लोग बौने हैं. जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा. ईरान और अफगानिस्तान सीमा से लगभग 75 किलोमीटर दूर माखुनिक गांव है जहां रहने वाले सभी लोग बौने हैं. ईरान की इस जगह को लिलपुट लैंड के नाम से भी जाना जाता हैं. चलिए खबर के जरिए आपको इस जगह और यहां के लोगों के बारे में बताते हैं.
लोगों के बौने होने के पीछे क्या है वजह ?
माखुनिक लिलपुट लैंड अपने बौने निवासियों और उनके आसपास की कहानियों के कारण जाना जाता है. इस गांव पर एक रिसर्च की गई जिसमें सामने आया कि इस गांव में अनाज की बेहद कमी है. यही वजह है कि यहां के लोगों को शरीर की लंबाई बढ़ाने के लिए पौष्टिक तत्व मिल ही नहीं पाते. दरअसल खराब आहार और सही पानी ना मिलने की वजह से यहां के लोगों की औसत ऊंचाई कम होती चली गई. आज माखूनिक के निवासियों का हाल यह है कि छोटे कद की यह बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत में मिल रही है.
आर्किटेक्चर के लिए भी फेमस है माखुनिक
माखुनिक सिर्फ बौने लोगों के कारण नहीं जाना जाता है यह अपनी बेहतरीन वास्तुकला और परंपरा के लिए भी लोकप्रिय है. माखुनिक के निवासियों ने न्योलथिक एरा में स्थापत्य शैली के आधार पर अपने घरों का निर्माण किया था. उन्होंने अपने घरों को इस तरह डिजाइन किया था कि कोई उन्हें दूर पहाड़ो से पहचान न सकें. यदि आप गाँव की संकरी गलियों से गुजरते हैं, तो आपको यहां बहुत सी छोटी दीवारों और दरवाजों वाले छोटे-छोटे कच्चे घर दिखाई देंगे. यहां पर कई सारे ऐसे घर भी बने हुए हैं जो बहुत ही छोटे हैं और यहां के लोग बड़े घर बनाने से कतराते हैं. इसके अलावा गांव में रहने वाली महिलाएं बुनाई का काम करती हैं क्योंकि इस काम के अलावा उनके पास कोई दूसरा कमाई का जरिया नहीं. है.
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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