जंगल में शेर शिकार करने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि किसी भी जंगल में जानवर सबसे ज्यादा शेरनियों से डरते हैं, क्योंकि असल शिकारी शेरनियां मानी जाती हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि फिर इस दौरान शेर क्या करते रहते होंगे? चलिए जान लेते हैं.
शेर से इतनी तेज होती हैं शेरनियां
सबसे पहले सवाल ये उठता है कि शेर और शेरनी में अंतर क्या होता है और दोनों में सबसे तेज कौन होता है. तो बता दें कि शेर नाक से पूंछ तक लगभग दस फुट के हो सकते हैं. वहीं शेरनियों की लंबाई शेर के मुकाबले कम होती है और वो नौ फुट की ही होती हैं. इसके अलावा शेर आमतौर पर शिकार करने से बचते हैं तो वहीं शेरनियां अपने शिकार को खदेड़ने का मौका कभी नहीं छोड़तीं. इसके इतर आमतौर पर शेर लगभग 35 मील प्रति घंटे की रफ्तार से भाग सकते हैं, तो वहीं शेरनी उससे भी तेज लगभग 45 मील प्रति घंटे की रफ्तार से भाग लेती हैं. हालांकि चीते की रफ्तार इनसे भी तेज होती है और वो इनसे भी ज्यादा खूंखार माना जाता है.
चालाकी से शिकार करती है शेरनी
माना जाता है कि शेरनी अपने शिकार को बड़ी ही चालाकी से मारती है, वो शिकार का लंबे समय तक पीछा करती है और छिपी रहती है. फिर जैसे ही उसे मौका मिलता है वो झपट्टा मार देती है. कहते हैं शेरनियों के पंजे में कोई पड़ जाता है तो फिर उसका बचना नामुमकिन सा हो जाता है, लेकिन वहीं शेर अपनी ताकत के बल पर शिकार करता है.
शेरनी शिकार करती है तो शेर क्या करता है?
जब शेरनी शिकार करती है तो शेर अपने परिवार की रक्षा करने का काम कर रहा होता है. फिर जब शेरनी और उसका समूह शिकार करके लाता है तो उसका पहला हिस्सा नर यानी शेर खाते हैं जबकि बचा हुआ हिस्सा शेरनी के हाथ लगता है.
इसके अलावा जब नर समूह में नहीं होता है तो शावकों की रक्षा की जिम्मेदारी शेरनी की ही होती है. शेरनी अपने बराबर के नरों से ज्यादा चुस्त और फुर्तीली होती हैं. ज्यादातर नर शेर समूह को दुश्मनों से बचाने का काम करते हैं. हालांकि जब शिकारी बहुत बड़े होते हैं, तो शेर शेरनियों की मदद भी करते हैं. इसलिए शिकार के मामले में शेरनी शेर से आगे मानी जाती है, लेकिन दोनों अपने परिवार का बखूबी पालन पोषण करते हैं.
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