अंगूर ही नहीं, आम से भी बनती है शराब... जिसे पीकर मस्त रहता था जहांगीर
शराब किस चीज से बनती है. अधिकांश लोग कहेंगे कि सड़े हुए अंगूरों से शराब बनती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मैंगों से भी शराब बनती थी. जानिए आम वाला शराब कौन पीता था?
![अंगूर ही नहीं, आम से भी बनती है शराब... जिसे पीकर मस्त रहता था जहांगीर Liquor is also made from mango Mughal ruler Jahangir used to drink liquor made from mango अंगूर ही नहीं, आम से भी बनती है शराब... जिसे पीकर मस्त रहता था जहांगीर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/23/ecbbc20def2656004e81bf22a17df6fa1716476731257906_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
आम का सीजन शुरू हो चुका है. लेकिन आज हम आम नहीं आम से बनने वाले शराब की बात करेंगे. आप सोच रहे होंगे कि आम से मैंगो शेक बनता है, शराब तो अंगूर से बनता है. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मुगलों के समय आम से शराब भी बनाया जाता था. जानिए कैसे बनता था आम के फल से शराब. आखिर कौन शासक इसका सेवन करता था.
शराब
शराब आखिर किस चीज से बनता है. अधिकांश लोग कहेंगे कि शराब अंगूर के फल से बनता है. लेकिन मुगलों के समय में शराब बनाने के लिए आम का इस्तेमाल भी किया जाता था. बता दें कि मुगल शासक अकबर के बेटे मुगल बादशाह जहांगीर को अत्यधिक शराब पीने के लिए जाना जाता है. इतिहास के मुताबिक कुछ समय के बाद जहांगीर ताकत बढ़ाने के लिए आम के शराब का सेवन करना शुरू कर दिया था.
मुगलों का दौर
आम को फलों का राजा माना जाता है. बता दें कि जहांगीरनामा में भी आम का किस्सा मिलता है. जहांगीर के लिए नूरजहां आम और गुलाब को मिलाकर शराब बनाती थी. जहांगीरनामा में दावा किया गया है कि यह शराब मदहोश करने के साथ ही सेक्स पावर बढ़ा देती थी. जहांगीर ने लिखा है कि काबुल के फलों की उत्कृष्टता के बावजूद उनमें से कोई आम के जितना स्वादिष्ट नहीं है.
अकबर को भी आम थे पसंद
मुगल शासक अकबर को भी आम बहुत पसंद थे. अकबर को आम इतने पसंद थे कि उसने सन 1556 से 1605 तक अपने राज में दरभंगा में करीब एक लाख आम के पौधों के बाग लगवाये थे. उसे लाख बाग के नाम से जाना जाता था. वहीं 'आइन-ए-अकबरी' में आम की कई किस्मों, उनकी ख़ासियतों और खेती के स्थानों के बारे में जानकारी दी गई है. वहीं फारसी शायर उर्फी सिराज ने अकबर के दरबार में आम को 'सरताजे समर' का खिताब दिया था. फारसी में उन्होंने लिखा था कि 'उसकी मत मारी गई है और जायका ख़राब हो गया है, जिसे आम पसंद नहीं है'.
आम पर रिसर्च
बता दें कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिकों ने दो साल पहले लंबे शोध के बाद लंगड़ा और दशहरी आम से वाइन तैयार करने में सफलता हासिल की थी. रिसर्च के दौरान उन्होंने पाया कि आम से बनी वाइन की खासियत है कि इसमें प्रचुर मात्रा में मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट और पॉलिफिनॉल इसे हार्ट, कैंसर और स्किन की बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है.
ये भी पढ़ें: Drinking Alcohol: क्यों शराब पीने के बाद दूसरी भाषा बोलने लग जाते हैं लोग, ये होता है इसका कारण
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)