कभी सोचा है अगर ट्रेन चला रहे ड्राइवर को नींद आ जाए तो क्या होगा?
Indian Railway: ट्रेन के इंजन में एक मुख्य ड्राइवर होता है और एक सहायक ड्राइवर होता है. एक को नींद आ जाती है तो दूसरा मोर्चा संभालता है. लेकिन, क्या होगा अगर दोनों की ही आंख लग जाए?
Indian Railway Facts: देश के एक कोने से दूसरे कोने में जाना हो तो लोग ज्यादातर ट्रेन से सफर करने को प्राथमिकता देते हैं. ट्रेन एक ऐसा साधन है जिसमें अमीर और गरीब दोनों यात्रा कर सकते हैं. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश में लगभग हर जगह रेलवे का नेटवर्क फैला हुआ है. भारत का रेल नेटवर्क इतना बड़ा है कि यह दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों की सूची में चौथे नंबर पर आता है, जबकि एशिया में यह दूसरे नंबर पर आता है.
आपने देखा होगा कि पूरी रेल को एक इंजन खींचता है. इस इंजन में ही ट्रेन का ड्राइवर होता है. ट्रेन के ड्राइवर को लोको पालयट कहते हैं. जब भारतीय रेलवे का नेटवर्क इतना बड़ा है तो ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अगर ट्रेन चल रही है और ट्रेन को चलाने वाले लोको पायलट की आंख लग गई तो क्या होगा? शायद आपके मन में भी कभी न कभी ये सवाल जरूर आया होगा. अगर हां, तो आज इसका जवाब भी जान लीजिए. आज हम आपको इस आर्टिकल में इस विषय में जानकारी देने जा रहे हैं.
चलती ट्रेन में ड्राइवर सो गया तो...?
एक यात्री वाहक ट्रेन में लगभग 1000-1500 तक लोग सफर करते हैं. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर ड्राइवर की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. इसके लिए रेलवे एक ट्रेन में दो ड्राइवर रखता है. दूसरे ड्राइवर को असिस्टेंट लोको पायलट कहते हैं. अगर एक ड्राइवर की आंख लग जाती है तो दूसरा ड्राइवर मोर्चा संभाल लेता हैं. अगर किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी होती है तो वह तुरंत मुख्य सहायक ड्राइवर को जगा देता है. अगर इंजन में कोई गड़बड़ी होती है या दोनों ड्राइवर को किसी प्रकार का दिक्कत होती है तो इन्हे आने वाले स्टेशन को सुचित करता होता है, ताकि वहां पहुंचने पर समस्या समाधान हो सके.
दोनों ड्राइवर की आंख लग जाए तो...?
ऐसी स्थिति से निपटने के लिए रेलवे ने एक तकनीक इजात की है. दरअसल, ऐसी सिचुएशन के लिए ही ट्रेन के इंजन में विजीलेंस कन्ट्रोल डिवाइस लगाया जाता है. इसका काम यह होता है कि अगर ड्राइवर एक मिनट तक कोई एक्शन नहीं करता है तो डिवाइस 17 सेकंड के अंदर एक ऑडियो विजुअल इंडीकेशन शो करता है. ड्राइवर को इसे एक बटन दबाकर स्वीकार करना होता है. लेकिन, अगर ड्राइवर सो रहें हैं और कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं तो 17 सेकंड के बाद ब्रेक लगना शुरू हो जाता है.
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