लोकसभा इलेक्शन में किसने हासिल की थी सबसे कम वोट से जीत, जान लीजिए चुनाव इतिहास के पांच ऐसे आंकड़े
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 बेहद नजदीक हैैं. ऐसे में चलिए जानते हैं चुनाव इतिहास के ऐसे सांसदों के बारे में जिनने बेेहद कम वोटों से जीत हासिल की थी.
लोकसभा चुनाव 2024 में बेहद कम दिन बचे हैं. इस बार 7 चरणों में मतदान होना है. जिसके लिए हर कैंडिडेट अपनी सीट पर जीत के लिए जी जान लगा रहा है. तो चलिए आज हम आपको उन कैंडिडेट्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हेें इतिहास में बेहद कम वोटों से जीत हासिल हुई है.
सबसे कम वोटों से जीते ये सांसद
सबसे कम वोटों से जीत की जब भी बात होती है तो सबसे पहले बीजेपी के सोम मरांडी का नाम आता हैै. दरअसल सोम मरांडी के नाम साल 1998 से सबसे कम मतों से जीतने का रिकॉर्ड है. दरअसल इस साल सोम मरांडी को बिहार के राजमहल संसदीय क्षेत्र से सबसे कम महज 9 वोटों से जीत हासिल हुई थी. इसके अलावा 1989 के आम चुनाव में आंध्र पद्रेेश के अनकापल्ली संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस कs कोंथाला रामकृष्ण भी 9 वोटों से जीते थे.
इनके नाम भी सबसे कम मतों से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड
इनके अलावा साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गायकवाड़ सत्यजीत सिंह दिलीप सिंह गुजरात के वड़ोदरा में सबसे कम 17 वोटों के अंतर से विजय हासिल कर लोकसभा पहुंचे थे. वहीं साल 2014 के चुनाव में बीजेेपी प्रत्याशी थुपस्तान छेवांग को भी जम्मू-कश्मीर की लद्दाख सीट से महज 36 वोटों से जीत हासिल हुई थी.
इसके अलावा साल 2004 केे चुनाव में जनता दल (यूनाइटिड) के डॉ. पी पुकुनहीकोया के नाम भी कम वोटों से जीत का रिकॉर्ड हैं. उन्हें लक्षद्वीप से महज 71 वोटों से जीत हासिल हुई थी. जिनका नाम आज भी इतिहास में सबसे कम वोट पाने वालों में दर्ज है. ऐसे में अब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में ये देखना होगा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कौन सा प्रत्याशी सबसे कम तो वहीं कौन सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल करता है. बता दें 7 चरणों में होने वाले चुनाव के परिणाम 4 जून को घोषित होंगे.
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