Lok Sabha Speaker Election 2024: 72 सालों में तीसरी बार स्पीकर को लेकर चुनाव होने जा रहा है. इससे पहले 1951, 1974 में भी स्पीकर पद के लिए चुनाव हुए थे. 17वी लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला थे. इस बार सत्तारुढ़ के बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्ष के बीच लोकसभा स्पीकर को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है. लिहाजा NDA से ओम बीरला और INDIA ब्लॉक से कांग्रेस सांसद के सुरेश ने मंगलवार को लोकसभा महासचिव के दफ्तर में नामांकन पत्र जमा कियाा है.


अब बुधवार सुबह 11 बजे इस पद के लिए वोटिंग होगी. उसके बाद ही लोकसभा स्पीकर कौन होगा, ये स्पष्ट हो पाएगा. इस बीच चलिए जानते हैं कि लोकसभा स्पीकर का पद इतना अहम क्यों होता है और उस पद पर आसीन व्यक्ति की शक्तियां क्या-क्या होती हैं?


क्यों लोकसभा स्पीकर का पद अहम होता है?


लोकसभा अध्यक्ष कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिम्मेदार होता है, जिसके चलते ये पद काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष संसदीय बैठकों का एजेंडा भी तय करते हैं और सदन में विवाद होने पर स्पीकर नियमानुसार कार्रवाई भी करते हैं.


वहीं सदन में सत्ता और विपक्ष दोनों पक्षों के सदस्य होते हैं. इसीलिए लोकसभा अध्यक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वो तटस्थ रहकर सदन का कामकाज चलाएं. बता दें कि लोकसभा स्पीकर किसी मुद्दे पर अपनी राय घोषित नहीं करते. न ही वो किसी प्रस्ताव पर मतदान में भाग लेते हैं, लेकिन यदि प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में बराबर वोट हों तो वो निर्णायक वोट डाल सकते हैं.


क्या होती हैं लोकसभा स्पीकर की शक्तियां?


लोकसभा अध्यक्ष विभिन्न समितियों का गठन करते हैं और इन समितियों का कार्य उसके निर्देशानुसार ही किया जाता है. खास बात ये है कि यदि कोई सदस्य सदन में दुर्व्यवहार करता है तो लोकसभा अध्यक्ष के पास ये शक्ति होती है कि वो उस सदस्य को निलंबित कर सकते हैं. दिसंबर 2023 में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में घुसपैठ के मामले में बहस की मांग करने पर दुर्व्यवहार के लिए कुल 141 विपक्षी नेताओं को निलंबित कर दिया गया था, जिसे लेकर खासा विवाद भी हुआ था.                                                                                    


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