हर तरफ हो रहा है राम-राम... आज 1 मिनट में ये भी समझ लीजिए कि राम शब्द का मतलब क्या है?
क्या आपने कभी सोचा है कि राम शब्द का मतलब क्या है? अब तक नहीं तो आईए जानते हैं. राम शब्द संस्कृत के रम् और घम से मिलकर बना है. रम् का अर्थ है रमना या समा जाना और घम का अर्थ है ब्रह्मांड का खाली स्थान
![हर तरफ हो रहा है राम-राम... आज 1 मिनट में ये भी समझ लीजिए कि राम शब्द का मतलब क्या है? Lord ram name meaning with reason हर तरफ हो रहा है राम-राम... आज 1 मिनट में ये भी समझ लीजिए कि राम शब्द का मतलब क्या है?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/22/b4132207b242319364ce2f35fdb0eec61705916001654944_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
इस समय देश राममय है. हर तरफ राम-राम, जय सियाराम और जय श्री राम के नारे गूंज रहे हैं. आज यानी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हो रहा है. इस समय रामभक्तों की खुशी और आनंद कोई ठिकाना नहीं है.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि राम शब्द का मतलब क्या है, इसका महत्व क्या है? अगर अब तक नहीं तो आईए जानते हैं 1 मिनट में राम शब्द का अर्थ...
राम शब्द का मूल अर्थ
राम शब्द संस्कृत के रम् और घम से मिलकर बना है. रम् का अर्थ है रमना या समा जाना और घम का अर्थ है ब्रह्मांड का खाली स्थान. इस तरह राम का अर्थ है सकल ब्रह्मांड में निहित या रमा हुआ तत्व यानी चराचर में विराजमान स्वयं ब्रह्म. शास्त्रों में लिखा है, “रमन्ते योगिनः अस्मिन सा रामं उच्यते” अर्थात, योगी ध्यान में जिस शून्य में रमते हैं उसे राम कहते हैं.
अभिवादन करने के लिए 2 बार ही क्यूं बोलते हैं राम
आपने अक्सर लोगों को अभिवादन करने के राम-राम कहते सुना होगा. इसके पीछे एक वैदिक दृष्टिकोण माना जाता है. वैदिक दृष्टिकोण के अनुसार पूर्ण ब्रह्म का मात्रिक गुणांक ( मात्राओं का टोटल) 108 है. यह राम-राम शब्द दो बार कहने से पूरा हो जाता है, क्योंकि हिंदी वर्णमाला में 'र' 27वां अक्षर है. 'आ' की मात्रा दूसरा अक्षर और 'म' 25वां अक्षर, इसलिए सब मिलाकर योग बनता है, 27 + 2 + 25 = 54, मतलब एक 'राम' का योग हुआ 54.
दो बार राम-राम कहने से टोटल 108 हो जाता है जो पूर्ण ब्रह्म का द्योतक (Indicator) है. जब भी हम कोई जाप करते हैं तो हमें 108 बार जाप करने के लिए कहा जाता है. लेकिन सिर्फ राम-राम कह देने से ही पूरी माला का जाप हो जाता है. इसलिए अभिवादन के लिए राम-राम बोलने की प्रथा है.
किसने रखा था भगवान का नाम, राम
अयोध्या में जब राजा दशरथ के पहले पुत्र का जन्म हुआ तो उनका नाम 'श्री रामचंद्र' रखा गया. श्री रामचंद्र का नामकरण संस्कार सप्त ऋषियों में से एक महर्षि वशिष्ठ ने किया था. वशिष्ठ राजा दशरथ के राजकुल गुरु थे.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)