लव बॉम्बिंग शब्द में भले ही लव है, लेकिन मामला ये फ्रॉड का है. ये कहानी बहुत से लोगों के साथ होती है. पहले तो रिश्ते की शुरुआत मीठी-मीठी बातों से होती हैं और शुरुआत में वो सब किया जाता है, जिसकी आपको कभी उम्मीद ही नहीं थी. उस वक्त लगता है कि इससे अच्छा पार्टनर कोई नहीं हो सकता और आपको अनुभव करवाया जाता है कि आपसे बढ़कर दुनिया में कोई नहीं है. लेकिन, एक वक्त बाद पता चलता है कि सीन कुछ उल्टा था और इतने दिन आपको जाल में फंसाया जा रहा था.
ये आजकल काफी आम हो गया है और झूठ की बुनियाद पर एक रिश्ता बनाया जाता है और किसी भी चीज के लिए राजी किया जाता है, मगर बाद में कुछ और देखने को मिलता है. आपके भी कई जानकार के साथ ऐसा हुआ होगा और वो इससे काफी परेशान होंगे या होंगी. वैसे आपको बता दें कि ये जो झूठ के जाल में फंसाने का खेल है, उसे ही लव बॉम्बिंग कहा जाता है. लव बॉम्बिंग में पहले लोगों को फंसाया जाता है और बाद में वादों और दावों की हकीकत कुछ और निकलती है.
कैसे फंस जाते हैं?
लव बॉम्बिंग के इस खेल में सबसे पहले आपकी इच्छा और आपके सपनों का खास ख्याल रखा जाता है. जैसे आपसे दिन में कई-कई बार मेसेज, कॉल से बात करते हैं और ऐसा दिखा जाता है कि आपसे बढ़कर और कोई नहीं है. इसके साथ ही आपकी वीकनेस और इमोशनल सेंटीमेंट्स को पता करके उनके जरिए आपके दिल में जगह बनाई जाती है. लेकिन, एक समय बाद पता चलता है कि ऐसा नहीं है. ऐसे में अगर आपको कोई ज्यादा ख्याल रख रहा है और ज्यादा स्पेस दे रहा है तो आपको एक बार समय रहते सोच लेना चाहिए. लव बॉम्बिंग के व्यवहार से कई लोगों को फंसाया जा चुका है.
सिर्फ रिश्तों में ही नहीं है लव बॉम्बिंग...
आपको बता दें कि लव बॉम्बिंग सिर्फ रिश्तों में ही नहीं है. ये नौकरी में काफी इस्तेमाल हो रहा है और कैंडिडेट्स को फंसाया जा रहा है. दरअसल, इस स्थिति में पहले कैंडिंडेट्स को कंपनी के बारे में काफी कुछ बताया जाता है और इतनी तारीफ की जाती है कि कोई भी उससे प्रभावित हो जाए. इसके साथ ही वर्क प्रोफाइल के बारे में काफी पॉजिटिव बताया जाता है, कंपनी में मिलने वाली सुविधाओं का गुणगान होता है और कई तरह की बातें कर फंसाया जाता है. लेकिन, बाद में कंपनी की स्थिति कुछ और निकलती है और पता चलती है कि जो बातें बताई गईं वो या तो झूठ हैं या फिर एकतरफा सच है.
कई कंपनियां भी अपने यहां ख़ाली पदों के लिए उम्मीदवार तलाशने के दौरान ऐसा व्यवहार करती हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एक शख्स के साथ ऐसा हुआ था. एक गुरुग्राम की कंपनी ने नौकरी के लिए अच्छा वेतन देने, काम का अच्छा माहौल देने की बात कही, इंक्रीमेंट, प्रोफाइल के बारे में बताया गया था और उन्होंने ना चाहते हुए भी ऑफर स्वीकार कर लिया. इसके अलावा भी कई केस हैं, जिनमें पता चलता है कि पहले कहानी कुछ और थी और हकीकत कुछ और है.
ये भी पढ़ें- जब आगरा से गायब हो गया था ताजमहल! न होता तो शायद हो जाता बर्बाद, पढ़िए