मशीन और AI, इन दो ही टेक्निक पर काम करती है दुनिया, जानें कौन-सी ज्यादा बेहतर?
दुनियाभर में मशीन और एआई टेक्निक का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दोनों में से बेहतर कौन सी है? चलिए आज इनके बारे में जानते हैं.
मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बहुत काम किया जाने लगा है. लोग इनपर धीरे-धीरे निर्भर भी हो रहे हैं, लेकिन कम ही लोगों को पता है कि आखिर दोनों के बीच अंतर क्या है और ये दोनों काम कैसे करते हैं? तो चलिए आज हम यही जानते हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है क्या?
आसान शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब है एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास होना. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है और इसमें एक ऐसा दिमाग बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर सोच सके या फिर कहें कि कंप्यूटर का ऐसा दिमाग, जो इंसानों की तरह सोच सके. इसके कई प्रकार होते हैं जिसमें पूरी तरह कार्य करने वाला, सीमित याददाश्त, मस्तिष्क सिध्दांत और आत्म चेतन शामिल हैं.
कब हुई थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में ही हो गई थी, लेकिन इसके महत्व को 1970 के दशक में पहचाना गया. इसके जनक माने जाने वाले जॉन मैकार्थी के मुताबिक, ये बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है यानी ये मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है. इसी के जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिन्हें उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने की कोशिश की जाती है जिनपर इंसान का दिमाग काम करता है.
क्या है मशीन लर्निंग?
जिस तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसे कंप्यूटर प्रोग्रामों के लिये इस्तेमाल किया जाता है, जो उन समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है, जिसे इंसान आसानी से कर सकते हैं, जैसे किसी पिक्चर को देखकर उसके बारे में बताना. उसी तरह एक अन्य काम जो इंसान आसानी से कर लेते हैं, वो है उदाहरणों से सीखना. मशीन लर्निंग प्रोग्राम भी यही करने की कोशिश करते हैं. इसमें कंप्यूटरों को उदाहरणों से सीखने के बारे में बताया जाता है. इसके लिये बहुत सारे अल्गोरिद्म जुटाने पड़ते हैं, ताकि कंप्यूटर बेहतर अनुमान लगाना सीख सकें, लेकिन अब कम अल्गोरिद्म से मशीनों को तेजी से सिखाने के लिए मशीनों को ज्यादा चीजें सीखाने की कोशिशें की जा रही हैं. इसे तकनीकी भाषा में 'रेग्यूलराइजेशन' कहा जाता है.
दोनों में क्या बेहतर?
दोनों ही आने वाले समय के लिए बहुत उपयोगी साबित होने वाले हैं. ऐसे में सवाल हो कि दोनों में से बेहतर क्या है तो बता दें कि इन दोनों की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि दोनों के ही कार्य अलग-अलग हैं.
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