राजस्थान में बीजेपी की नई डिप्टी सीएम दीया कुमारी का संबंध जयपुर के राजघराने से है. आमेर (आम्बेर) के कच्छवाहा राजपूत महाराजा मान सिंह प्रथम दीया कुमारी के पर-परदादा थे. इसके अलावा राजमाता गायत्री देवी उनकी दादी थी. क्योंकि गायत्री देवी के सौतेले बेटे महाराज भवानी सिंह थे. महाराजा सवाई भवानी सिंह 1970 से 1971 तक जयपुर के महाराजा थे. दीया कुमारी भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की ही इकलौती संतान हैं. भवानी सिंह का कोई बेटा नहीं था.
महाराजा मान सिंह प्रथम
राजा मान सिंह का जन्म 21 दिसंबर, 1550 को राजस्थान के आमेर में हुआ था. राजा मान सिंह आमेर (आम्बेर) के कच्छवाहा राजपूत राजा थे. उन्हें 'मान सिंह प्रथम' के के नाम से भी जाना जाता है. वो राजा भगवानदास के पुत्र थे. राजा मान सिंह अकबर के नौ रत्नों में से एक थे. वे 1562 में अकबर के दरबार में शामिल हुए, जब अकबर ने आमेर के राजा बिहार मल की सबसे बड़ी बेटी हरका बाई से शादी की.
उन्होंने मान सिंह को गोद लिया था. उन्हें बिहार और बाद में बंगाल का गवर्नर बनाया. भगवान दास के उत्तराधिकारी मानसिंह को अकबर के दरबार में श्रेष्ठ स्थान मिला था. जानकारी के मुताबिक अगर राजा मान सिंह ना होते तो अकबर की राज्य विस्तार की नीति प्रभावित होती. वह अकबर की सेना के प्रधान सेनापति थे. उन्होंने आमेर के महल का निर्माण भी कराया था.
मंदिरों का कराया निर्माण
महाराजा मानसिंह ने मुगल शासन में ना केवल हिंदुओं को मुस्लिम धर्म अपनाने से रोका था, बल्कि मुगल दरबार में अपनी शक्ति भी बढ़ाई थी. उन्होंने वाराणसी, वृंदावन, बंगाल, बिहार, काबुल काबुल, कंधार, आमेर, जयपुर सहित पूरे भारत में मंदिरों का निर्माण करावाया था.
स्कूल-होटल की मालकीन हैं डिप्टी सीएम दीया कुमारी
राजस्थान की नई उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी सफल राजनेता होने के साथ एक सफल बिजनेसवुमन भी है.दीया कुमारी दो स्कूलों, दो ट्रस्टों और संग्रहालयों, होटलों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को भी संभालती हैं. इसके अलावा साल 2019 में उन्हें सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सदस्य के रूप में सेवा देने के लिए चुना गया था.