Maharashtra Government Scheme For Cows: महाराष्ट्र सरकार ने देसी गाय को राज्य माता घोषित कर दिया है. और इसके बाद अब सरकार राज्य में देसी गायों को रखने वाली गौशालाओं को आर्थिक मदद देगी. सरकार की ओर से हर एक गाय के लिए गौशाला संचालकों को रोज 50 रुपये प्रति गाय के हिसाब से सब्सिडी दी जाएगी. सरकार की इस योजना से देसी गाय की नस्ल संरक्षित की जाएगी.


राज्य में यह सब्सिडी गौ सेवा आयोग द्वारा लागू होगी. जिसके तहत हर जिले में पांच जांच समितियां बनाई जाएंगी. जिन गौशालाओं में देसी गाय होगी उन्हें ऑनलाइन आवेदन देना होगा और जिले लेवल पर समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद उन्हें सब्सिडी दी जाएगी. कितना खर्च आएगा इस योजना को लागू करने के लिए. कैसे क्रियान्वित होगी योजना. चलिए जानते हैं. 


राज्य में 46 लाख देशी गाय


महाराष्ट्र सरकार ने देसी गाय को राज्य माता घोषित कर दिया है. सरकार ने बताया कि साल 2019 में किए गए 20वें पशुधन गणना अनुसार राज्य में देसी गायों की संख्या कम हुई है. साल 2012 में जब गणना हुई थी तब गायों की संख्या 50,53,490  थी. और जो साल 2019 में हुई तब 46,13,632 गाय थीं. जो 2012 के मुकाबले  8.7% कम थीं. महाराष्ट्र में फिलहाल देशी गायों की 19 नस्लें हैं. 


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रोज देने होंगे 23 करोड़ रुपये


सरकार ने देसी गांव के लिए सब्सिडी योजना शुरू कर दी है जिसके तहत एक गाय पर 50 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. यानी राज्य सरकार को रोज इन गायों पर 23 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. यानी अगर महीने के हिसाब से देखा जाए तो सरकार को गायों पर हर महीने 690 करोड रुपए खर्च करने होंगे. क्योंकि आर्थिक रूप से एक मुश्किल काम नजर आता है. 


देसी गाय को लेकर भाजपा का रुख


देसी गाय के संरक्षण हमेशा से ही भाजपा के एजेंडे में रहा है.  देशी गोवंश की नस्लों का संरक्षण और संवर्धन करने के लिए दिसंबर 2014 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री  ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरू किया गया था. और अब महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार का गायों को लेकर सब्सिडी योजना गया फैसला विधानसभा से ठीक पहले आया है. कई लोग इसे चुनावी दांव भी कह रहे हैं.  


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देसी गाय का दूध ज्यादा अच्छा होता है ?


देसी गाय के समर्थन के दावा करते हैं की देसी गाय A2 दूध देती हैं. जो A1 दूध की तुलना में ज्यादा हेल्दी होता है . A1 दूध का उत्पादन उन पशुओं द्वारा किया जाता है जिनकी नस्लें विदेशी नस्लों जैसे होल्सटीन फ्रिज़ियन, जर्सी और ब्राउन स्विस इनके साथ मिक्स होती हैं. लेकिन लेकिन इस बात का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला कि A2 दूध A1 की तुलना में ज्यादा बेहतर होता है.  


सब्सिडी और कीमतों में फर्क


सब्सिडी योजना के तहत गौशालाओं में पहले जाने वाली की देसी गायों पर सब्सिडी दी जाएगी. ना कि उन गायों को जो किसान पालते हैं. जो किसान काम आय से जूझ रहे हैं राज्य सरकार ने उन किसानों के लिए 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी की घोषणा की है. लेकिन यह सब्सिडी तब ही जाएगी जब किसानों डेयरियों पर मिनिमम रेट 30 रुपये प्रति लीटर मिल रहा हो. लेकिन ज्यादातर डेयरियों पर किसानों को 27-28 रुपए प्रति लीटर रुपये का ही भुगतान किया जाता है.


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