इंसानों के लिए 7 नंबर इतना खास क्यों है? जन्म से लेकर मौत तक है इसका जिक्र
ये नंबर इंसानों के भूत, भविष्य और वर्तमान को दर्शाता है. ये नंबर आपको विज्ञान और गणित में भी कई जगह मिल जाएगा. जैसे गणित में 7 चौथा प्राइम नंबर है. जबकि, 7 कैरॉल नंबर के साथ-साथ काइनिया नंबर भी है.
सोशल मीडिया पर इन दिनों क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की वजह 7 नंबर की चर्चा खूब हो रही है. दरअसल, धोनी के जर्सी का नंबर 7 है. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इस नंबर का इंसानियत से क्या लेना देना है.
दरअसल, पूरी दुनिया गणित पर चलती है. हर चीज के पीछे एक नंबर है. लेकिन 7 एक ऐसा नंबर है, जिसका जिक्र इंसान जन्म से लेकर मृत्यु तक सुनता है. चाहे वो जन्म के 7 दिन बाद होने वाला अकीका हो. अकीका मुस्लिमों द्वारा की जाने वाली एक रस्म है जो बच्चे के पैदा होने के 7वें दिन होती है. इसके अलावा शादी के 7 फेरे हों या फिर मृत्यु के 7 दिन बाद होने वाला शुद्धक. 7 नंबर का जिक्र हर जगह है.
आसमान से लेकर धरती तक 7 नंबर
आसमान में आपको 7 तारों का एक समूह दिखाई देता है. जब आप अपने आसपास मौजूद किसी व्यक्ति से पूछेंगे तो वो बताएगा कि ये सप्त ऋषि हैं. वहीं धरती की बात करें तो यहां आपको 7 दिशाओं का जिक्र मिलता है. इसके अलावा 7 अजूबों से कौन वाकिफ नहीं होगा. अब सवाल उठता है कि मानव सभ्यता 7 नंबर से इतनी ज्यादा जुड़ी क्यों है. क्यों इंसानों के इर्द गिर्द 7 नंबर दिख ही जाता है. वहीं 7 नंबर आपको- सात छंद, सात योग, सात भूत, सात वायु, सात द्वीप, सात पाताल और सात लोक के साथ-साथ सात समुद्र में भी दिख जाता है.
7 इतना खास क्यों है?
दरअसल, ये नंबर इंसानों के भूत, भविष्य और वर्तमान को दर्शाता है. ये नंबर आपको विज्ञान और गणित में भी कई जगह मिल जाएगा. जैसे गणित में 7 चौथा प्राइम नंबर है. जबकि, 7 कैरॉल नंबर के साथ-साथ काइनिया नंबर भी है. वहीं विज्ञान की बात करें तो 7 नाइट्रोजन का एटॉमिक नंबर है. वहीं हैलोजन भी 7 ग्रुप में मिलती है. ओएसआई मॉडलों के भी 7 स्तर होते हैं. भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अलावा ग्रीक और यूनान के इतिहास में भी 7 नंबर का जिक्र मिलता है. चीन और जापान के लोग तो इस नंबर को सबसे ज्यादा लकी मानते हैं.
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