Major Stampede List: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ ने 122 लोगों की जान ले ली. इस हादसे में कई महिलाओं और बच्चों ने अपनी जान गंवा दी. ये हादसा कितना भयानक था इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भगदड़ में कई लोगों की आंत इनके गले में जाकर फंस गई, वहीं कई लोगों की तो भगदड़ में दम घुटने की वजह से मौत हो गई. हालांकि ये पहली बार नहीं था जब किसी धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मची हो, इसके पहले भी समय-समय पर भगदड़ मचने की खबरें सामने आती रही हैं. इन घटनाओं में कई लोगों की जान भी चली गई. ऐसे में चलिए पिछले 20 साल में घटी भगदड़ की उन घटनाओं के बारे में बात करते हैं जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है.


धार्मक सभाओं में मची भगदड़ ने ली कईयों की जान


27 अगस्त 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में स्नान के दौरान भगदड़ मच गई थी. जिसमें 39 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 140 घायल हो गए.


25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में हर साल होने वाली तीर्थयात्रा के दौरान भगदड़ मच गई थी. जिसमें 340 से ज्यादा श्रद्धालु कुचले गए और सैकड़ों घायल हो गए थे. ये घटना तब हुई थी, जब कुछ लोग नारियल की फिसलन पर फिसल गए थे.


3 अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान गिरने की अफवाह की वजह से मची भगदड़ में 162 लोगों की मौत हो गई थी और 47 लोग घायल हो गए थे.


30 सितंबर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में भी कुछ ऐसा ही हादसा देखने को मिला. जहां चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह की वजह से मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.


4 मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ में लगभग 63 लोगों की मौत हो गई थी. यहां लोग स्वयंभू बाबा से फ्री में कपड़े और खाना लेने के लिए इकट्ठा हुए थे जहां भगदड़ मचने से लोगों की मौत हो गई थी.


14 जनवरी, 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में लोग सबरीमाला मंदिर में दर्शन करके वापस घर लौट रहे थे, उसी समय एक जीप की टक्कर से मची भगदड़ में 104 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. इस घटना में 40 से ज्यादा लोग घायल भी हो गए थे.


8 नवंबर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर-की-पौड़ी घाट पर मची भगदड़ में लगभग 20 लोगों की मौत हो गई थी.


19 नवंबर, 2012: पटना में गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से भगदड़ मच गई थी, जिसमें लगभग 20 लोगों की मौत और कई अन्य लोग घायल हो गए थे.


13 अक्टूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि के जश्न के दौरान इस बात की अफवाह फैल गई कि जिस पुल को लोग पार कर रहे हैं वो ढहने वाला है. जिसके बाद भगदड़ मच गई और इस घटना में 115 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.


3 अक्टूबर, 2014: दशहरे का जश्न समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मच गई, जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई और 26 अन्य घायल हो गए थे.


14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 'पुष्करम' उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. इस घटना में 20 लोग घायल भी हुए थे.


1 जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई. जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे.


31 मार्च, 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के मौके पर आयोजित 'हवन' के दौरान एक प्राचीन 'बावड़ी' या कुएं के ऊपर बनी स्लैब के ढह गई. इस घटना में लगभग 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.


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