'माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मैं...' मनमोहन सिंह ने संसद में सुषमा स्वराज को कुछ इस अंदाज में दिया था जवाब
Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ज्यादा बातचीत नहीं करते थे और गंभीर स्वभाव के व्यक्ति थे, हालांकि संसद में कई बार उन्होंने शायरी के जरिए विपक्ष को जवाब दिया.
Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह नहीं रहे, उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली है. पिछले लंबे समय से वो दिल की बीमारी से पीड़ित थे और कई बार उनकी बायपास सर्जरी हो चुकी थी. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने देश के लिए काफी योगदान दिया और पूरे देश को आर्थिक संकट से निकालने का काम भी किया. वैसे तो मनमोहन सिंह गंभीर स्वभाव के थे, लेकिन कई बार उन्हें शायराना अंदाज में भी देखा गया. एक बार उन्होंने बीजेपी नेता सुषमा स्वराज को शायरी के अंदाज में जवाब दिया था, जो अब सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
संसद में दिखा शायरी भरा अंदाज
डॉ मनमोहन सिंह पर बीजेपी नेता सुषमा स्वराज काफी तीखा हमला बोल रही थीं, संसद में माहौल गर्म था और उन्होंने तंज भरे अंदाज में मनमोहन सिंह की तरफ देखकर कहा कि "तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यूं लुटा"... इस पर मनमोहन सिंह बिल्कुल भी नहीं घबराए और उन्होंने एक ऐसी शायरी बोली, जिससे पूरे सदन में ठहाके लगने लगे. उन्होंने सुषमा स्वराज को जवाब देते हुए कहा- "माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूं मैं. तू मेरा शौक़ देख मेरा इंतजार देख..."
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं...#ManmohanSingh pic.twitter.com/1FupbsFmEC
— कविताएँ और साहित्य (@kavitaaayein) December 26, 2024
पूरे सदन का बदल गया माहौल
डॉ मनमोहन सिंह के इस अलग अंदाज को देखते हुए गंभीर हो चुके सदन का पूरा माहौल ही बदल गया, क्या पक्ष क्या विपक्ष, सभी सांसद ठहाके लगाकर हंसने लगे और हर किसी ने शांत रहने वाले दिग्गज का शायराना अंदाज देखा. उन पर तीखे वार कर रहीं सुषमा स्वराज के चेहरे पर भी मुस्कान छा गई और उन्होंने भी मनमोहन सिंह की इस शायरी पर जमकर ठहाके लगाए.
डॉ मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, जिसके बाद वो विस्थापित होकर अमृतसर आए. छोटी उम्र में ही मां गुजर गई थी, जिसके बाद दादी ने उन्हें पाला और बड़ी कठिनाई में उनका शुरुआती जीवन बीता था. इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और इसके बाद विदेश से भी अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने डी. फिल किया. इसके बाद प्रोफेसर के तौर पर उनके करियर की शुरुआत हुई, लेकिन कुछ ही साल बाद वो सरकार का हिस्सा बन गए. आरबीआई गवर्नर से लेकर यूजीसी चेयरमैन, राज्यसभा सांसद, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री पद तक वो पहुंचे.
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