आज टेस्ला के सीईओ एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर शख्स हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक वक्त पर एलन मस्क से भी अमीर शख्स इस दुनिया में कोई था, जिसके पास एलन मस्क से ज्यादा दौलत थी. आज हम आपको बताएंगे कि वो शख्स कौन था और उसे दुनिया का सबसे अमीर शख्स क्यों कहा जाता है. 


सबसे अमीर शख्स


आज अफ्रीकी देश माली दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है. बता दें कि इसकी जीडीपी पर कैपिटा महज 837 डॉलर है. यह यूनाइटेड नेशन के 47 सबसे कम विकसित देशों की लिस्ट में है. लेकिन कभी यह अफ्रीका का सबसे अमीर देश हुआ करता था. इसके राजा मनसा मूसा को इतिहास का सबसे अमीर व्यक्ति माना जाता है. उसके पास करीब 415 अरब डॉलर की दौलत थी. यह दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क (248 अरब डॉलर) से कहीं अधिक है. 


जानकारी के मुताबिक राजा मनसा मूसा ने 1312 से लेकर 1337 तक 25 साल माली पर राज किया था. उस जमाने में माली गोल्ड का बड़ा प्रॉड्यूसर था और दुनिया की आधी सप्लाई इसी देश से होती थी. माली से सोना खरीदने के लिए इजिप्ट, पर्सिया, गेनोआ और वेनिस से व्यापारी आते थे.


कौन थे राजा मनूसा 


मनसा मूसा का जन्म 1280 में हुआ था. माली साम्राज्य पर 1312 तक उसके बड़े भाई मनसा अबू बकर ने राज किया था, इसके बाद वह एक लंबी यात्रा पर निकल गए थे, तब मनसा मूसा प्रथम ने गद्दी संभाली थी. आज के मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनी, बुर्किना फासो, माली, चाड और नाइजीरिया तब मूसा की सल्तनत का हिस्सा हुआ करता थे. वहां सोने के बहुत बड़े भंडार हुआ करते थे. उस दौर में सोने की मांग बहुत ज्यादा थी और दुनिया का आधा सोना मूसा के पास ही था. उन्होंने टिम्बकटू और गाओ जैसे शहरों को विकसित किया था, जो अहम सांस्कृतिक केंद्र थे. इस दौरान वह मिडल ईस्ट और अफ्रीका से वास्तुकारों को लेकर आए थे, जिन्होंने इन शहरों में इमारतों का डिजाइन बनाया था. 


सबसे ज्यादा सोना 


बता दें कि राजा मनसा मूसा को विरासत में अमीरी मिली थी, लेकिन उन्होंने माली को अफ्रीका का सबसे अमीर सल्तनत बनाया था, सॉल्ट और गोल्ड के साथ-साथ हाथीदांत से भी उनकी काफी कमाई होती थी. 1324 में जब वह हज के लिए मिस्र होते हुए मक्का के लिए निकले थे, आज भी उस यात्रा की चर्चा पूरी दुनिया में होती है. अरब इतिहासकारों के मुताबिक उनके काफिले में हजारों लोग और दर्जनों ऊंट थे. हर ऊंट पर 136 किलो सोना लदा था. यात्रा में काहिरा में मूसा ने मिस्र के सुल्तान से मुलाकात की थी. उसके लोगों ने सोने को पानी तरह बहा दिया था, इतना सोना मिस्र में था कि अगले 12 साल तक सोने की कीमत गिरी रही थी. 


हज से लौटने के बाद मूसा ने अपने शहरों को नए रूप देना शुरू कर दिया था. इस दौरान मस्जिदें और दूसरी पब्लिक बिल्डिंग्स बनाई गई थी. वहीं टिम्बकटू इस्लामी शिक्षा का प्रमुख सेंटर बनकर उभरा था. उस दौरान पूरी दुनिया से इस्लामी विद्वान और वास्तुकार माली आए थे. उस दौर में माली की रुतबा दुनिया में अपने चरम पर पहुंच गया था. इसके बाद मूसा की मृत्यु 1337 में हुई थी, लेकिन उनके बेटे साम्राज्य को चला नहीं पाए थे. धीरे-धीरे उनकी सल्तनत समय के साथ छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गई थी, आज माली दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है. 


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