मैनुअल स्कैवेंजिंग, अभी भारत में कितने लोग ये काम करते हैं, किस राज्य में सबसे ज्यादा?
Manual Scavenging: भारत में कुल कितने लोग आज भी मैनुअल स्कैवेंजिंग के काम को करते हैं. किस प्रदेश के सबसे ज्यादा लोग इस काम में है शामिल. चलिए आपको बताते हैं.
Manual Scavenging: हाथों से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के काम करने को मैनुअल स्कैवेंजिंग कहा जाता है. मैनुअल स्कैवेंजिंग के दौरान खतरनाक सीवर और शिफ्टिंग टांका की सफाई करते हुए कई मैनुअल स्कैवेंजर्स की जान चली गई है. आंकड़ों के आधार पर बात की जाए तो साल 1983 से लेकर साल 2023 तक मैनुअल स्कैवेंजिंग का काम करते हुए कल 941 लोगों की जान गई है. बता दें यह आधिकारिक आंकड़े हैं.
इनमें उन लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिनकी मौत अनरजिस्टर्ड है. साल 2013 में दिल्ली भारत का पहला राज्य था. जिसने मैनुअल स्कैवेंजिंग पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन भारत में आज भी कई राज्यों में मैनुअल स्कैवेंजिंग का काम किया जाता है. भारत में कुल कितने लोग आज भी इस काम को करते हैं. किस प्रदेश के सबसे ज्यादा लोग इस काम में है शामिल चलिए आपको बताते हैं.
देश में इतने लोग करते हैं मैनुअल स्कैवेंजिंग
सरकार की ओर से अगस्त 2023 तक मैनुअल स्कैवेंजिंग के काम को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है. देश में अब भी कई जिलों में मैनुअल स्कैवेंजिंग का काम किया जाता है. देश के कुल 766 जिलों में से 732 मैनुअल स्कैवेंजिंग मुक्त घोषित कर दिया गया है. लेकिन आज भी कई जगहों पर यह काम किया जा रहा है. अगर देश में मैनुअल स्कैवेंजिंग करने वाले कुल लोगों के आंकड़े की बात की जाए तो इसका सटीक डाटा उपलब्ध नहीं है.
इसकी अलग-अलग वजहे हैं. लेकिन सरकार द्वारा पिछले आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो साल 2011 के आंकड़ों के मुताबिक 1.8 लाख परिवार मैन्युअल स्कैवेंजिंग पर जीवन जीते थे. तो वहीं भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 5,80,98 मैनुअल स्कैवेंजर्स की पहचान की गई थी.
यह भी पढे़ं: दिल्ली को आज ही मिला था राजधानी का ताज, जान लीजिए क्या थी सबसे बड़ी वजह
इस राज्य के सबसे ज्यादा लोग शामिल
भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग के रिकॉर्ड को नियमित तौर पर नहीं रखा गया है. और यही वजह है कि देश में मैनुअल स्कैवेंजिंग करने वालों की सटीक संख्या नहीं मालूम हो पाती है. लेकिन सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट के हिसाब से बात की जाए तो साल 2021 में उत्तर प्रदेश मैनुअल स्कैवेंजिंग के काम में सबसे आगे था. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 37,379 लोग मैनुअल स्कैवेंजिंग का काम करते थे. इसके बाद महाराष्ट्र में 7,378 लोग शामिल थे. तो वहीं तीसरे नंबर पर उत्तराखंड था जिसमें 6,170 लोग शामिल थे. हालांकि अब इन आंकड़ों में कमी आई है. आधिकारिक तौर पर ताजा आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं.
यह भी पढे़ं: ये है देश की सबसे खतरनाक जेल, यहां जाने में कांपते हैं खूंखार अपराधी
भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग पर रोक
साल 2013 में भारत सरकार की ओर से मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास के लिए निषेध अधिनियम, 2013 पास किया गया था. जिसके तहत मैन्युअल स्कैवेंजिंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था. इसके अलावा साल 2023 में भारत सरकार ने नमस्ते योजना भी शुरू की थी. जिसके तहत मैन्युअल स्कैवेंजिंग पर रोक लगाकर मशीनीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा हैय सफाई कर्मचारियों को नमस्ते योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा और प्रॉपर ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इसके अलावा उन्हें सफाई के काम को करने के लिए सेफ्टी इक्विपमेंट भी प्रदान किया जा रहे हैं.
यह भी पढे़ं: पुरुषों के खिलाफ किस देश में होते हैं सबसे ज्यादा अत्याचार? जान लीजिए जवाब