Rig Veda Big Bang Theory: वेदों के प्रथम भाग को 'संहिता' कहा जाता है. इसका शाब्दिक अर्थ है 'एक साथ रखना'. औपचारिक रूप से यह विशिष्ट काव्य मीटरों में भजन (या सूक्त) को संदर्भित करता है और कुछ नियमों के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है. कहा जाता है कि भजन विभिन्न ऋषियों का रहस्योद्घाटन है. प्रत्येक भजन में मंत्रों का एक समूह होता है. 'मंत्र' शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'वह जो मन की रक्षा करता है' - मनः (या मननत) त्रायते, इति मंत्र. बार-बार दोहराने और उसके अर्थ पर ध्यान देने से मंत्र मन की रक्षा करता है. मंत्रों को मन को शुद्ध करने वाला भी कहा जाता है. इन्हें शक्तिशाली माना जाता है और कहा जाता है कि इनमें उचित तरीके से जप करने वालों को लौकिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करने की शक्ति होती है.
1927 में उत्पन्न बिग बैंग थ्योरी यह समझाने का एक वैज्ञानिक प्रयास है कि हमारा ब्रह्मांड कैसे अस्तित्व में आया. इसका मानना है कि ब्रह्मांड की शुरुआत एक असीम रूप से छोटे, गर्म और घने 'कुछ' के रूप में हुई थी, जो एक बड़े विस्फोट या 'बिग बैंग' के साथ विलक्षणता से तेजी से विस्तारित हुआ, जिससे आकाशगंगाओं, सितारों और बाकी ब्रह्मांड का निर्माण हुआ.
ऋग्वेद में मौजूद है डिटेल
हालांकि, वेदों में विज्ञान ने सहस्राब्दियों से इन अवधारणाओं की व्याख्या की है. हजारों साल पहले लिखे गए ऋग्वेद में हिरण्यगर्भ और ब्रह्मांड विस्फोटक का उल्लेख है जो एक समान सिद्धांत के बारे में बात करता है. वैदिक ऋषि अपने समय के द्रष्टा वैज्ञानिक थे. उनमें से 400 से अधिक ऐसे थे जो 3000 ईसा पूर्व से पहले रहते थे. उन्होंने प्रकृति से सवाल किए और बातचीत की और अपनी टिप्पणियों को दर्ज किया जो चार वेदों के रूप में हमारे पास आए, जिनमें से प्राथमिक ऋग्वेद है. इस प्रकार वेदों में विज्ञान का जन्म अंतर्ज्ञान, जिज्ञासा, बुद्धि और प्रकृति के प्रति गहरी श्रद्धा से हुआ.
ऋग्वेद को 10 मंडलों में विभाजित किया गया है. 10वें मंडल में नासदीय सूक्त नामक एक भजन हमारी सृष्टि का विस्तृत वैज्ञानिक विवरण देता है. यह ऋषि परमेष्ठी की सृष्टि की इस प्रक्रिया पर सवाल उठाने और समझने की प्रक्रिया को दर्ज करता है. नासदीय सूक्त इस प्रकार शुरू होता है: “यह ब्रह्मांड कैसे बनाया गया? इसे किसने बनाया?” नासदीय सूक्त में सात सूक्ति बताये गए हैं, जिसमें ब्रह्मांड के रहस्यों से जुड़े सवालों का जवाब लिखा गया है.
क्या लिखा है नासदीय सूक्त में?
पहले सूक्त में लिखा गया है कि ब्रह्मांड की रचना से पहले न तो अंतरिक्ष था, न समय और न ही कोई भौतिक पदार्थ. सिर्फ शून्य और अंधकार था. दूसरे सूक्त के अनुसार उस समय न तो 'मृत्यु' थी और न ही अमरता. दिन-रात का भी नामो-निशान नहीं था. तीसरे में बताया गया है कि ब्रह्मांड में पहले सिर्फ अंधेरा था. काफी समय बाद कुछ रहस्यमयी शुरुआत हुई. उस रहस्यमयी घटना को समझना नामूमकिन था. आगे सूक्त में गैलेक्सी के निर्माण की जानकारी मिलती है. तब उन गैलेक्सी पर सिर्फ धूल और गैस मौजूद थी. तब ब्राह्मांड में कोई दिशा नहीं थी. यही सेम जानकारी बिग-बैंग थ्योरी में भी मिलती है.
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