भारत में लाखों मंदिर हैं. हर मंदिर की अपनी एक अलग कहानी है. कई जगह लोग लड्डू चढ़ाते हैं तो कई जगह लोग फल जढ़ाते हैं. लेकिन क्या आप भारत के उस मंदिर की कहानी जानते हैं जहां नशे के आइटम लोग दान पात्र में चढ़ा जाते हैं. हालांकि, यहां बात शराब की नहीं कर रहे हैं. बल्कि इस मंदिर में लोग अफीम तक चढ़ा देते हैं. चलिए अब आपको इस मंदिर की कहानी बताते हैं.
कहां चढ़ाते हैं अफीम
राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर सांवलिया सेठ का मंदिर है. भगवान कृष्ण को समर्पित ये मंदिर पूरी दुनिया में लोकप्रिय है. यहां लोग दूर दूर से दर्शन करने आते हैं. इस मंदिर में अच्छे-बुरे सभी लोगों की आस्था है. यही वजह है कि कई बार अफीम के तस्कर अपने धंधे को बेहतर बनाने के लिए भगवान को अफीम भी चढ़ा देते हैं. ये चीजें इतनी ज्यादा बढ़ गईं कि मंदिर प्रशासन ने मंदिर के गेट पर एक बोर्ड तक टांग दिया कि मंदिर के दानपात्र में नशे के आइटम ना चढ़ाएं. मंदिर प्रशासन का कहना है कि कोई भी अगर गैरकानूनी नशीले पदार्थ के साथ मंदिर में पकड़ा जाता है या दान पात्र में अफीम जैसी चीज डालते वक्त उसे देखा जाता है तो तत्काल रूप से उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा और उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, इसके बाद भी कुछ लोग चोरी छिपे मंदिर के दान पात्र में ऐसी चीजें चढ़ावे के रूप में डाल देते हैं.
भगवान को मानते हैं बिजनेस पार्टनर
सांवलिया सेठ मंदिर में विराजमान भगवान को उनके भक्त अपना बिजनेस पार्टनर मानते हैं. यही वजह है कि भक्त किसी भी तरह का बिजनेस करते हैं तो उसके मुनाफे का एक हिस्सा वो अपने भगवान को चढ़ाते हैं. ये मुनाफा किसी भी चीज में हो सकता है. अगर किसी को खेती में अच्छा मुनाफा हुआ तो वो अनाज मंदिर में चढ़ाता है. वहीं अगर ये मुनाफा बिजनेस में हुआ तो दानपात्र में पैसे चढ़ाए जाते हैं. इसके अलावा, जब तस्करों को नशे की खेप में फायदा होता है तो वो कई बार मंदिर में नशे के आइटम चढ़ा दिया करते हैं. हालांकि, मंदिर में इस तरह के चढ़ावे को लेकर सख्त मनाही है.
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