क्या शिया और सुन्नी मुस्लिमों में शादी हो सकती है? जान लीजिए इस सवाल का जवाब
तमाम धर्मों को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि शिया और सुन्नी में शादी हो सकती है? चलिए इस आर्टिकल में इस सवाल का जवाब जानते हैं.
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दुनिया में कई तरह के धर्म और जातिया बनाई गई हैं. जैसे हिंदुओं और अन्य धर्म में जातियां होती हैं उसी तरह मुस्लिमों में भी अलग-अलग समुदाय हैं. इन सभी के अपने रीति-रिवाज होते हैं. हालांकि इनके नियम और कायदे इस्लामी कानून के तहत ही होते हैं, लेकिन इस्लामी कानून अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ है. सुन्नी मुसलमानों के लिए हनफी कानून है, और शिया मुसलमानों के लिए इस्ना अशरी कानून है. इनकी शादियां भी इन्हीं कानूनों के तहत होती हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 1.9 अरब मुस्लिम समुदाय के लोग हैं, जो 2030 तक बढ़ कर 2.2 अरब हो जाएंगे. आज, इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है, जिसे मानने वाले लोग दुनिया की कुल आबादी का लगभग 24 फीसदी हिस्सा हैं. ये आंकड़े 'द ग्लोबललिस्ट' से लिए गए हैं. चलिए अब इसी कड़ी में आपको बताते हैं कि पूरी दुनिया में कितने सुन्नी और कितने शिया मुस्लिम रहते हैं.
सुन्नी मुसलमान कौन होते हैं?
पूरी दुनिया में रहने वाले मुसलमानों में सबसे बड़ी आबादी सुन्नी मुसलमानों की ही है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया के कुल मुसलमानों में लगभग 90 फीसदी मुसलमान सुन्नी हैं. ज्यादातर सुन्नी मुसलमान इस्लाम की सबसे ज़्यादा पारंपरिक और रूढ़िवादी धारा को मानते हैं. दरअसल, सुन्नी शब्द ही 'अहल-अल-सुन्ना' नाम के शब्द से आया है, जिसका अर्थ होता है 'परंपरा को मानने वाले लोग'.
शिया मुसलमानों के बारे में जानिए
सुन्नी मुसलमानों के मुकाबले इनकी आबादी दुनियाभर में बेहद कम है. शिया समुदाय की शुरुआत सबसे पहले एक राजनीतिक धड़े के रूप में हुई. शिया शब्द का अर्थ होता है शियात अली यानी अली का दल. आपको बता दें, अली पैग़ंबर मोहम्मद के दामाद थे और शिया समुदाय के लोग दावा करते हैं कि अली और उनकी संतानों को ही मुसलमानों का नेतृत्व करने का अधिकार था.
क्या शिया और सुन्नी मुस्लिमों में शादी हो सकती है?
शिया और सुन्नी मुस्लिमों में शादी को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. लेकिन कुछ रिपोर्ट का कहना है कि अगर दोनों इस्लामी कानून को मानते हैं तो ये कानून शिया और सुन्नी मुस्लिमों को आपस में शादी करने की अनुमति देता है. हालांकि ज्यादातर मुसलमान अपने ही समुदाय में शादी करते हैं.
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