मोना लाओ ज्वालामुखी दुनिया में गर्मी बढ़ाने वाला है, अब तक 33 बार इसमें हो चुका है विस्फोट
यह ज्वालामुखी पृथ्वी पर सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है. इस ज्वालामुखी के बनने के बाद से इसमें अब तक सबसे ज्यादा विस्फोट हुए हैं.
मोना लाओ ज्वालामुखी कुछ दिनों पहले 40 साल बाद जब फूटा तो उसने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया. दरअसल, पृथ्वि का तापमान पहले से ही लगातार गर्म हो रहा है, ऐसे में इस ज्वालामुखी का अचानक से फूट पड़ना तापमान को और बढ़ा देगा. हालांकि, अभी मोना लाओ ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा इतना नहीं फैला है कि उससे ज्यादा नुकसान हो. लेकिन यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्दी ही यह ज्वालामुखी आसपास के शहरियों को परेशान करेगा.
33 बार फूट चुका है ये ज्वालामुखी
यह ज्वालामुखी इससे पहले 33 बार और फूट चुका है, इसे बेहद सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है. दरअसल, मोना लाओ ज्वालामुखी प्रशांत महासागर के हवाई द्वीपों के उस इलाके में है जहां ज्वलामुखियों की सक्रियता की संभावना ज्यादा होती है. इन द्वीपों में 6 सक्रिय ज्वालामुखी हैं जबकि, मोना लाओ पृथ्वी पर अब तक का सबसे बड़ा ज्वालामुखी है. पहली बार यह ज्वालामुखी 1843 फूटा था. साल 1984 में जब यह फूटा था तो 22 दिन तक लगातार यह लावा उगलता रहा था.
कितना बड़ा था यह ज्वालामुखी
हवाई के स्थानीय लोग इस मोना लाओ ज्वालामुखी को एक पवित्र स्थल मानते हैं. वहीं इस ज्वालामुखी के लंबाई चौड़ाई की बात करें तो यह 5721 वर्ग किलोमीटर लंबा और चौड़ाई में 120 किलोमीटर है. वहीं समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 4179 मीटर से ज्यादा है.
सबसे ज्यादा सक्रिय है ये ज्वालामुखी
यह ज्वालामुखी पृथ्वी पर सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है. इस ज्वालामुखी के बनने के बाद से इसमें अब तक सबसे ज्यादा विस्फोट हुए हैं. हालांकि, इसके विस्फोट बहुत ज्यादा शक्तिशाली नहीं रहे हैं. आपको बता दें ये ज्वालामुखी गुंबद के आकार का है. इस ज्वालामुखी के काल्डेरा की गहराई 183 मीटर है.
3 लाख साल पहले बने थे ये ज्वालामुखी
शोध बताते हैं कि हवाई के ये ज्वालामुखी टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों के कारण 3 लाख साल पहले ऑलिगोसिन युग में बने थे. हालांकि, मोना लाओ के बारे में कहा जाता है कि ये ज्वालामुखी पहले 1.6 करोड़ साल के आसपास समुद्र में शुरु हुआ था. वहीं 40 हजार साल पहले यह सतह पर आकर एक द्वीप के रूप में बन गया और उसके बाद से पिछले 10 हजार सालों क दौरान इसकी वृद्धि दर धीमी हो गई.
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