पूरी दुनिया में लोग पतला होने के लिए तरह-तरह की एक्सरसाइज कर रहे हैं, डाइट फॉलो कर रहे हैं और दवाइयां खा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि लोग पतला होने को ही फिट और सुंदर मानते हैं. खासतौर से लड़कियां इसे ज्यादा मानती हैं.


लेकिन इसी दुनिया में एक जगह ऐसी भी है, जहां लड़की जितनी मोटी होती है, उसे उतना सुंदर माना जाता है. यहां तक कि शादी से पहले लड़कियों को मोटा करने के लिए फैट कैंप तक में भेजा जाता है, ताकि शादी के वक्त तक वो मोटी हो जाएं और सुंदर दिखें. चलिए इस आर्टिकल में आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.


क्या है पूरी कहानी


शादी से पहले लड़कियों को मोटा करने की परंपरा को लेबलु कहते हैं. ये पश्चिमी अफ्रीका के देश मुर्तानिया में निभाई जाती है. मुर्तानिया में जैसे ही कोई लड़की शादी के लायक होती है, उसे मोटा करने का काम शुरू हो जाता है. पहले ये काम घर से शुरू होता है, यानी उन्हें घर पर ही पहले हाई कैलोरी वाला खाना खिलाया जाता है. लेकिन अगर इसके बाद भी लड़कियां मोटी ना हों तो उन्हें मां बाप फैट कैंप में भेज देते हैं.


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13 साल के बाद शुरू हो जाता है काम


इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, इस देश में लड़की जैसे ही 13 या 14 साल की उम्र पार करती है, उसे हाई कैलोरी वाला खाना खिलाना शुरू हो जाता है. लड़की की डाइट में दूध, मूंगफली, फैटी मीट और हर वो चीज शामिल की जाती है, जिससे उसका वजन जल्दी बढ़ सके. यहां के लोग मानते हैं कि जब तक लड़की के शरीर पर स्ट्रेच मार्क्स ना हों, उसके पेट पर चर्बी ना दिखे तब तक वह खूबसूरत नहीं है.


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यहां के लोग मानते हैं कि लड़कियों का चेहरा भरा होना चाहिए. इसके लिए लड़कियों को जबरदस्ती ढेर खाना खिलाया जाता है, कई बार तो इससे लड़कियों की तबीयत भी बिगड़ जाती है. जानकारी के अनुसार, इस देश में शादी से पहले लड़कियों को करीब 16000 कैलोरी प्रतिदिन खिलाई जाती है. जबकि, WHO का मानना है कि महिलाओं को एक दिन में 2000 कैलोरी से ज्यादा नहीं इनटेक करना चाहिए.


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