Weight in Elevator: शहर में तेजी से कंक्रीट के जंगल बन रहे हैं. बढ़ती जनसंख्या को छत देने के लिए बड़े-बड़े टावर का निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए उसमें लिफ्ट लग रही है. लिफ्ट का काम व्यक्ति को आसानी से एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर तक पहुंचाना होता है. यह ना सिर्फ आवासीय सोसाइटी में लगती है, बल्कि उसे मॉल और उंची इमारतों में लगाया जाता है. क्या कभी आपने यह सोचा है कि क्या होगा अगर व्यक्ति का वजन चलती लिफ्ट में चेक किया जाए? ऐसा तो नहीं होगा न् कि आपका वजन ही कम हो जाए. साइंस इसका क्या जवाब देता है और उसके लिए उसने कौन से नियम बनाए हैं. आइए जानते हैं. 


लिफ्ट की 6 स्थिति


लिफ्ट के बारे में सबको जानकारी नहीं होती है कि वह काम कैसे करता है, लेकिन कई लोग लिफ्ट का इस्तेमाल करने वाले मिल जाते हैं. हालांकि, उन्हें भी इस बात के बारे में कुछ अपडेट नहीं होता है कि सही जानकारी क्या है. लिफ्ट कैसे काम करता है, किस सिस्टम से इसे ऑपरेट किया जाता है? जैसा कि हमने आपको बताया कि आज हम आपको उन स्थितियों के बारे में बताएंगे, जिसमें यह पता चल पाता है कि किसी व्यक्ति वजन लिफ्ट से सफर करते वक्त कितना हो सकता है. बता दें कि इसे समझने के लिए लिफ्ट के 6 अलग-अलग स्थितियों के साथ वजन मापने के बारे में जानना होगा.


इस आधार पर होता है वजन


1 लिफ्ट ऊपर की ओर जाते वक्त गति बढ़ती हुई जब होती है तब वजन ज्यादा महसूस होगा.
2 लिफ्ट ऊपर की ओर स्थिर गति में जाती है तब वजन वही होगा.
3 लिफ्ट ऊपर की ओर जाते वक्त अपनी गति जब धीमी करती है तब वजन कम महसूस होगा.
4 लिफ्ट नीचे की ओर आते वक्त गति बढ़ाती है तब वजन कम महसूस होगा.
5 लिफ्ट नीचे की ओर स्थिर गति के साथ चलती है तब वजन सटीक होगा.
6 लिफ्ट नीचे की ओर आते वक्त अपनी गति कम करती है तब वजन अधिक महसूस होगा.


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