दुनियाभर में दवाओं का अरबों रुपये से ज्यादा का बाजार है. अधिकांश घरों में किसी ना किसी बीमारी के लिए दवा पहुंचती है और दवाओं के असर से मरीज ठीक भी होता है. लेकिन आप सोचिए कि अगर बाजार में डुप्लीकेट दवा बिकेगी, वो इंसानों को कितना नुकसान करेगी. आज हम आपको बताएंगे कि लाइसेंस सस्पेंड होने पर अगर कोई व्यक्ति दवा बेचेगा, तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है.
दवाओं का लाइसेंस
ये बात अधिकांश लोग जानते होंगे कि दवा बेचने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है. बिना लाइसेंस के कोई भी व्यक्ति दवा नहीं बेच सकता है. ऐसा करने पर उसे जेल भेजा जा सकता है. लेकिन कई बार लाइसेंसधारक दुकानदार भी ऑनलाइन या ऑफलाइन दवा बेचने में गड़बड़ी करते हैं. इस दौरान ड्रग कंट्रोलर की जांच में अगर दवाओं की गड़बड़ी पकड़ी जाती है, तो आपका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. हालांकि कुछ लोग लाइसेंस रद्द होने के बाद भी दवा बेचते हैं. जानिए ऐसा करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है.
तीन साल तक की सजा
बता दें कि अगर कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के दवा बेचता है तो उसके खिलाफ ड्रग्स एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में ये प्रावधान है कि दवाओं की बिक्री के लिए वैध लाइसेंस की जरूरत होती है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट धारा 18 के मुताबिक बिना लाइसेंस या रद्द लाइसेंस के साथ दवा बेचना दंडनीय अपराध है. ऐसा करने पर एक साल की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना है. लेकिन अपराध के मुताबिक ये सजा 3 साल तक बढ़ाई जा सकती है.
सस्पेंड लाइसेंस के साथ दवा बेचना कानूनी अपराध
बता दें कि अगर किन्हीं कारणों से ड्रग कंट्रोलर आपका लाइसेंस सस्पेंड करता है, तो आप दवा नहीं बेच सकते हैं. ऐसा करने पर आपके खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है और आपको अपना लाइसेंस हमेशा के लिए सरेंडर करना पड़ सकता है. आप उस लाइसेंस का फिर कभी उपयोग नहीं कर पाएंगे.