ये थी पृथ्वी की सबसे खतरनाक जीव, जिसके जीवाश्म में मिले थे 40 हजार दांत
आपके मन में एक सवाल हमेशा कौंधता होगा कि क्या डायनासोर से भी खतरनाक कोई जीव होगा और होगा तो वो कैसा होगा. तो चलिए आज उसी जीव के बारे में जानते हैं.
आप यदि समुद्र देखने जाते हैं तो आपको ये खयाल जरुर सताता होगा कि आखिर समुद्र का सबसे खतरनाक जानवर कौन सा रहा होगा, या फिर इतिहास का सबसे खतरनाक जानवर कौन होगा. इसके इतर एक खयाल ये भी आता होगा कि क्या डायनासोर से भी बड़ा और खतरनाक कोई जानवर होगा? तो इन सवालों का जवाब है हां. दरअसल मेगालोडोन शार्क को इतिहास का सबसे खतरनाक जानवर माना जाता है. समुद्र में रहने वाली ये मछती आज से काफी साल पहले समुद्र में राज करती थी.
क्या है मेगालोडोन शार्क?
ग्रीक भाषा में 'मेगालोडोन' का अर्थ होता है 'बहुत बड़ा दांत'. बता दें मेगालोडोन शार्क मेगा टुथ शार्क की कैटेगरी में आती है. जो बहुत ही विशालकाय मछली थी. हालांकि अब ये विलुप्त हो चुकी है. वैज्ञानिकों की मानें तो ये शार्क आज से 25 लाख साल पहले तक पृथ्वी पर थी. वहीं इस मछली से जीवाश्म को देखकर वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये पृथ्वी पर 2.5 से 3 करोड़ साल पहले आई होगी. जिसकी बनावट आज की ग्रेट व्हाइट शार्क की तरह ही थी. मेगालोडोन के जीवाश्म अंटार्कटिका के अलावा लगभग हर महाद्वीप पर पाए गए हैं. वहीं भारत में इसके जीवाश्म बंगाल की खाड़ी में मिले थे.
एक मछली से मिले थे इतने दांत
वैज्ञानिकों को मेगालोडोन प्रजाति की एक मछली से 40 हजार दांत मिले थे. जिसे देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया था. बताया जाता है इस मछली के दांत 20 मिलीमीटर तक लंबे होते थे. वहीं कहा जाता है ये मछली हाथी से भी 4 गुना ज्यादा वजनी हुआ करती थी. पहले इसी मछली को ड्रेगन समझा गया था. ये इतनी ताकतवर थीं कि शार्क जैसी विशालकाय मछली को भी आसानी से चबा जाती थीं.
इन मछलियों की विलुप्ति का कारण जलवायु परिवर्तन माना जाता है. दरअसल मेगालोडोन शार्क गर्म पानी में रहना पसंद करती थीं. ऐसे में जलवायु परिवर्तन के चलते अचानक समुद्र का पानी ठंडा होने लगा, जिसके चलते धीरे-धीरे मेगालोडोन विलुप्त हो गईं.