5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. इन चुनाव में कई सासंदों ने भी चुनाव लड़ा था और उनमें से कई सांसदों ने जीत भी दर्ज की है. विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद सांसदों ने अब अपनी संसदीय सदस्यता से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है और कई सांसद संसद सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. अब इन सांसदों को विधायकों के हिसाब से सुविधाएं मिलेंगी और सैलरी भी उसी हिसाब से मिलेंगी. लेकिन, इसके अलावा भी इन सासंदों को पूर्व सांसद के आधार पर कई भत्ते और फायदे मिलते रहेंगे.
ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर पूर्व सांसदों को कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं और उन्हें सांसद ना रहने पर कौन-कौन से फायदे मिलते रहते हैं तो जानते हैं इनसे जुड़ी हर एक बात...
क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
पेंशन- लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 15 सितंबर 2006 से हर सांसद (चाहे वो कितनी भी अवधि तक सांसद रहा हो) को पेंशन मिलेगी. अगर कोई व्यक्ति पांच साल की अवधि से अधिक समय तक सदस्य रहा हो तो उसे इन पांच साल की अवधि के हर साल के लिए आठ सौ रुपये प्रति महीने अलग से पेंशन दी जाएगी. इसके अलावा मृत्यु के बाद पति, पत्नी को आधी पेंशन मिलती है, जो आजीवन मिलती है.
फ्री रेल यात्रा सुविधा- संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम की धारा 8कक के हिसाब से किसी भी पूर्व संसद सदस्य को रेल में फ्री यात्रा करवाई जाती है. अगर वो अकेले जाते हैं तो फर्स्ट एसी और किसी के साथ जाते हैं तो थर्ड एसी में टिकट मिलता है.
चिकित्सा सुविधाएं- केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत पूर्व सांसदों को भी वर्तमान संसद की तरह सुविधाएं मिलती हैं.
फ्री स्टीमर सुविधा- इसके साथ ही कोई पूर्व संसद सदस्य, जिसने अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह या लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व किया हो, उन्हें भारत की मुख्य भूमि में चलने वाले किसी स्टीमर के उच्च श्रेणी में यात्रा की सुविधा दी जाती है.
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