अधिकांश घरों में दूध का इस्तेमाल होता है. क्योंकि छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए दूध को फायदेमंद माना जाता है. इससे शरीर को विटामिन और कई खनिज मिल जाते हैं. इसके अलावा दूध में प्रोटीन और कैल्शियम समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके साथ ही इसमें कार्बोहाइड्रेट और वसा भी भरपूर मात्रा में मौजूद है. लेकिन आपने कभी सोचा है कि दूध को फटने से बचाने के लिए गर्म करना क्यों जरूरी होता है, इतना ही नहीं गर्मी में तो कई बार गर्म करना पड़ता है. जानिए इसके पीछे क्या साइंस है.
दूध क्यों फटता
दूध जब भी देर से उबाला जाता है, तो वो फट जाता है. बता दें कि दूध हमेशा रूम टेम्पेरेचर पर ही फटता है. वहीं अगर दूध को लंबे समय तक उपयोग करना होता है तो उसे हर कुछ घंटों पर उबालना पड़ता है या फिर उसे फ्रिज में रखना पड़ता है. दरअसल उच्च और निम्न तापमान पर रखने से दूध जल्दी नहीं फटता है. इसके अलावा दूध का फटना उसकी शुद्धता की पहचान भी होती है.
पीएच लेवल
दूध में मौजूद प्रोटीन के कणों के बीच बनी रहने वाली दूरी ही दूध को फटने से बचाकर रखती है. वहीं जब देर तक दूध को नहीं उबाला जाता है, या फ्रिज में नहीं रखा जाता है. उस स्थिति में पीएच लेवल कम होने लगता है. वहीं जब रूम टेम्पेरेचर में रहने की वजह से दूध का पीएच लेवल जैसे-जैसे कम होता है, प्रोटीन के कण एकदूसरे के करीब आने लगते हैं. जब किसी भी चीज का पीएच लेवल गिरने लगता है तो वो एसिडिक होने लगता है. ऐसे ही जब दूध का पीएच लेवल गिरने लगता है तो एसिडिक होने लगता है. इसी कारण एसिडिक होने पर दूध फट जाता है. दूध को फटने से बचाने के लिए पीएच लेवल मेंटेन रखना पड़ता है, जिसके लिए उसे गर्म करना पड़ता है.
तेज आंच पर क्यों फटता दूध
गर्मियों के दौरान रूप टेम्प्रेचर बहुत बढ़ जाता है, इससे दूध में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं. इसके अलावा इससे दूध में लैक्टिक एसिड बनता है, जिससे दूध खट्टा हो जाता है. इस स्थिति में इसे गर्म किया जाएगा तो ये निश्चित तौर पर फटेगा. इसके अलावा तेज आंच पर गर्म करने से दूध का तापमान अचानक बदल जाता है, जिससे इसका प्रोटीन जमने लगता है, इससे दूध फट जाता है. गर्मी में दूध को फटने से बचाने के लिए फ्रिज में 4 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर रखना चाहिए. इसके अलावा पैकेट दूध को उसके एक्सपायरी डेट से पहले ही इस्तेमाल कर लेना चाहिए.
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेंशन की एक अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक गाय के दूध को 95 डिग्री सेल्सियस पर उबालना जरूरी होता है. दरअसल दूध को उबालने से उसमें मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं और फूडबोर्न बीमारियों से बचाव हो जाता है. वहीं ज्यादातर पैकेटबंद दूध पॉश्चुराइज्ड होते हैं. इसका मतलब है कि इसे किसी भी हानिकारक रोगजनकों को मारने के लिए 71.7 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 15 सेकंड के लिए गर्म किया गया है. इससे ये पीने योग्य बन जाता है.
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