संसद में मंगलवार को मिलेट्स फूड फेस्टिवल का आयोजन किया गया. दरअसल, मोटे अनाज को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय ने सांसदों के लिए इसका आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे और इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी दिखाई दिए. संयुक्त राष्ट्र ने भी साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज साल घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया है. ऐसे में सवाल है कि आखिर मिलेट्स क्या होते हैं और मिलेट्स में कौन-कौन से अनाज आदि शामिल होते हैं. तो जानते हैं मिलेट्स से जुड़ी कुछ खास बातें...
क्या होते हैं मिलेट्स?
अगर मिलेट्स की बात करें तो मोटे अनाज को मिलेट्स कहा जाता है. माना जाता है कि मोटे अनाज को उत्पादन, लागत, मेहनत आदि की वजह से मोटा अनाज कहा जाता है. दरअसल, जो भी अनाज 'मोटे अनाज' की श्रेणी में आते हैं, उनकी पैदावार में काफी कम मेहनत, लागत लगती है और इसके साथ ही इसकी रखरखाव भी ज्यादा नहीं करनी पड़ती है. इसके साथ ही इन अनाजों के लिए पानी भी ज्यादा जरुरत नहीं होती है और ये ही मोटे अनाज कहलाते हैं. वहीं, एक बार खरीदने पर यह जल्दी ही खराब भी नहीं होते हैं. दुनिया में मोटे अनाज को आमतौर पर भारत और अफ्रीका की फसल कहा जाता है.
कौन-कौन से अनाज हैं मिलेट्स?
बता दें कि अनाज के आकार के आधार पर मोटे अनाजों को दो भागों में बांटा गया है. पहला मोटा अनाज जिनमें ज्वार और बाजरा आते हैं. दूसरा, लघु अनाज जिनमें बहुत छोटे दाने वाले मोटे अनाज जैसे रागी, कंगनी, कोदो, चीना, सांवा और कुटकी आदि आते हैं. माना जाता है कि करीब 10 अनाज मोटे अनाज की श्रेणी में आते हैं. इन अनाज की खास बात ये होती है कि इन फसल के पकने की अवधि कम होती है, कीटों से लड़ने की क्षमता भी काफी ज्यादा होती है और बंजर भूमि में भी इसकी खेती हो जाती है.
सेहत के लिए कैसे होते हैं मिलेट्स?
अगर सेहत के हिसाब से देखें तो भी मिलेट्स सेहत के लिए काफी अच्छे होते हैं. मोटे अनाज में प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, ऊर्जा कैलोरी, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, फोलिक ऐसिड, जिंक जैसे कई पोषक तत्व होते हैं जो दूसरे अनाजों से इन्हें ज्यादा फायदेमंद बनाते हैं. जब शरीर में कई तरह के पोषक तत्व जाते हैं तो काफी फायदा करता है. जैसे यह मेटाबॉलिज्म को सुचारु रूप से काम करने में मदद करता है. इससे आपको जबरजस्त ऊर्जा मिलती है और भूख कम लगती है. इसके अलावा कम यूरिया आदि से उत्पादन होने की वजह से यह ऑर्गेनिक फॉर्म में ज्यादा मिलता है और ये शरीर के लिए बेहतर ऑप्शन होता है.
उत्पादन में क्या है हाल?
वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में बाजरा के प्रमुख उत्पादकों में से एक है. एफएओ (खाद्य और कृषि संगठन) के अनुसार, 2020 में मिलेट्स का विश्व उत्पादन 30.464 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) था और भारत की हिस्सेदारी 12.49 एमएमटी थी. भारत के शीर्ष पांच बाजरा उत्पादक राज्य राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश हैं. अनुमान लगाया गया है कि मिलेट्स मार्केट 2025 तक अभी के 9 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 12 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है.
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