General Knowledge: राजनीति के कई किस्से आपने सुने होंगे, जिनमें बड़े-बड़े नेता किसी ऐसी चीज को फॉलो करते हैं जिसे आम भाषा में अंधविश्वास कहा जाता है. आज भी देशभर में कई ऐसी जगह हैं, जहां नेता जाने से घबराते हैं या फिर रात में नहीं ठहरते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने पर उनकी सत्ता चली जाती है. ऐसी ही एक जगह मध्य प्रदेश में भी है, जहां कोई मुख्यमंत्री या फिर मंत्री रात गुजारने से घबराता है, क्योंकि माना जाता है कि जो भी मंत्री यहां रात में ठहरता है, वो सत्ता में वापसी नहीं कर पाता. 


क्यों नहीं रुकते मंत्री?
महाकाल की नगर कहलाने वाले उज्जैन में यूं तो कई मंत्री और मुख्यमंत्री दौरा करते आए हैं, लेकिन वो यहां रुकने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं. इसका कारण भगवान महाकाल को ही माना जाता है. कहा जाता है कि महाकाल आज भी उज्जैन के राजा हैं, ऐसे में वहां किसी दूसरे राजा का ठहरना उचित नहीं होता. ऐसा करने पर उसे सजा भुगतनी पड़ सकती है. पौराणिक कथाओं का उदाहरण देते हुए भी ये बात कही जाती है. 


अब ऐसी मान्यता को नेता भला कैसे नकार सकते हैं, इसीलिए भगवान महाकाल के आगे भले ही माथा टेक लेते हों, लेकिन ज्यादातर नेता महाकाल की इस नगरी में रुकने से आज भी कतराते हैं. यानी भले ही सत्ता में पांव कितने भी मजबूत क्यों न हों, मंत्री और मुख्यमंत्री ये रिस्क लेने से घबराते हैं. 


ऐसा नहीं है कि उज्जैन को लेकर ही ऐसी मान्यता है, अलग-अलग राज्यों में कई आवास या फिर जगह ऐसी हैं, जहां मुख्यमंत्री या फिर मंत्री नहीं ठहरते हैं. कोई वास्तु दोष के चलते ऐसा नहीं करता है तो किसी को पौराणिक कथाओं के बाद सत्ता खोने का डर सताता है. 



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