नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना गया है. मतगणना के बाद पीएम आवास पर बीते बुधवार को एनडीए की पहली बैठक हुई थी. इस बैठक में 16 पार्टियों के 21 नेता शामिल हुए थे. बता दें कि इस एक घंटे की बैठक में नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना गया है. सूत्रों के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने अपने पार्टी के लिए स्पीकर पद की मांग की है. अब सवाल ये है कि आखिर स्पीकर का पद कितना अहम होता है? इसके अलावा स्पीकर को अलग से क्या सुविधाएं मिलती हैं. 


 लोकसभा स्पीकर


बीजेपी एनडीए सरकार ने नरेंद्र मोदी को बतौर प्रधानमंत्री अपना नेता चुना है. लेकिन इसी बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि टीडीपी और जदयू लोकसभा में स्‍पीकर का पद की मांग कर रहे हैं.  हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी किसी दूसरे दल के व्‍यक्‍ति को इस पद पर नहीं बैठाना चाहती है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर लोकसभा स्‍पीकर का पद इतना अहम क्यों माना जाता है. 


लोकसभा स्‍पीकर का अधिकार


बता दें कि लोकसभा स्‍पीकर का पद सदन में काफी अहम होता है. क्योंकि स्‍पीकर ही लोकसभा सदन का मुखिया होता है. इसके अलावा स्पीकर ना सिर्फ सदन के अनुशासन को सुनिश्चित करता है, बल्कि इसके उल्‍लंघन पर लोकसभा सदस्‍यों को दंडित करने का भी अधिकार रखता है. वहीं लोकसभा स्‍पीकर की भूमिका और अहम तब हो जाती है, जब किसी दल या गठबंधन का बहुमत परीक्षण कराना होता है. क्योंकि स्पीकर के पास दोनों पक्षों के वोट बराबर होने पर मतदान करने का भी अधिकारी होता है. ऐसे में स्पीकर का वोट निर्णायक और महत्वपूर्ण हो जाता है. लोकसभा स्‍पीकर सदन की प्रक्रियाओं जैसे स्‍थगन प्रस्‍ताव, अविश्वास प्रस्ताव, निंदा प्रस्ताव आदि की भी अनुमति देता है. इसके अलावा स्पीकर संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता भी करता है. इतना ही नहीं स्‍पीकर ही लेाकसभा में विपक्ष के नेता को मान्‍यता देने पर भी फैसला करता है. लोकसभा स्‍पीकर ही सदन के सभी संसदीय समितियों के अध्यक्षों की नियुक्ति करता है और उनके कार्यों पर निगरानी रखता है.


कितनी होती है सैलरी?


लोकसभा के स्पीकर को 1954 के संसद अधिनियम के तहत वेतन, भत्ते और पेंशन आदि की सुविधाएं दी जाती है. हालांकि दिसंबर 2010 में इस अधिनियम में कुछ संशोधन भी किया गया था. विशेष अधिनियम के मुताबिक लोकसभा स्पीकर को 50 हजार रुपए की सैलरी मिलती है. बता दें कि लोकसभा स्‍पीकर भी सदन का सदस्‍य ही होता है. लोकसभा स्‍पीकर को भी हर महीने 45 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता मिलता है. इसके अलावा स्‍पीकर को समितियों की बैठकों में हिस्‍सा लेने के लिए रोजाना 2 हजार रुपए भत्‍ता भी मिलता है. 


स्‍पीकर को क्या सुविधाएं मिलती


बता दें कि लोकसभा स्‍पीकर और उसके परिवार को मंत्रिमंडल के सदस्‍यों के बराबर यात्रा भत्ता दिया जाता है. ये भत्‍ता उन्हें देश और विदेश दोनों यात्राओं पर मिलता है. इसके अलावा उन्हें मुफ्त आवास, फ्री बिजली, फ्री फोन कॉल की सुविधाएं भी मिलती हैं.


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