भारत का रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर घूम रहा है और लगातार वहां से जानकारी दे रहा है. प्रज्ञान ने चांद के तापमान से लेकर कई खास चीजों की जानकारी इसरो के साथ शेयर की है. अब प्रज्ञान ने चांद की धरती पर भूकंप आने की बात भी शेयर की है, जिसके बाद वैज्ञानिक इसे लेकर रिसर्च करने में जुटे हैं. धरती वाले भूकंप के बारे में तो आप काफी कुछ जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चांद की धरती पर आने वाले वाला भूकंप पृथ्वी से कितना अलग है. साथ ही सवाल ये भी है कि इस भूकंप का क्या कारण हो सकता है. 


ऐसे में आज हम इन सवालों के जवाब देते हैं और बताते हैं कि पृथ्वी के अलावा चांद और दूसरे ग्रहों पर किस तरह भूकंप आता है और वहां भूकंप आने का क्या कारण होता है.  


चांद में किस वजह से आता है भूकंप?


दरअसल, चांद पर आए भूकंप को मूनक्वेक, मंगल पर आए भूकंप को मार्सक्वेक कहते हैं और शुक्र ग्रह पर आए भूकंप को वीनस क्वेक कहते हैं. अभी तक चांद पर भूकंप आने का कोई स्पेसिफिक कारण सामने नहीं आया है. एक कारण तो ये माना जाता है कि पृथ्वी की तरह चांद की सतह में कुछ प्लेट के डिसबैलेंस होने या फिर प्लेट के टकराने से भूकंप आ सकता है. 


इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि चांद के किसी उल्का पिंड के टकराने की वजह से या फिर कुछ अन्य कारणों से भी भूकंप आ सकता है. इस बार चंद्रयान की ओर से इसकी पुष्टि की जाने की वजह इसे खास माना जा रहा है और प्रज्ञान ने इस तरह के कंपन को महसूस किया था. चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर भूकंप के झटको की फोटो शेयर की है. चांद के भूकंप ज्यादा गहराई पर होते हैं और ये 600 किमी से 1000 किमी के बीच अधिक गहरा होता है. लूनर टाइड्स के साथ भूकंप का कनेक्शन बताता है कि ये टाइट्स भूकंप में अहम किरदार निभाते हैं.


अगर सीधे शब्दों में कहें तो अंदरूनी भाग में जब गतिशील प्लेटें आपस में टकराती हैं तो तरंगों के रूप में भूकंप की उत्पत्ति होती है. इसके अलावा अगर चांद पर ज्वालामुखी का अस्तित्व होता है तो इसकी वजह से भी भूकंप आ सकता है.  


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