हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ऑब्जर्वर की एक रिपोर्ट आई. इसके अनुसार, जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट में 80000 से ज्यादा मामले पेंडिंग थे. वहीं 2023 के अंत तक, भारत के सुप्रीम कोर्ट में लगभग 70,000 से अधिक मामले लंबित थे. जबकि, देश के सभी अदालतों में पेंडिंग मामलों की संख्या 5 करोड़ से ज्यादा है. चलिए अब जानते हैं कि आखिर पाकिस्तान में कितने कोर्ट केस पेंडिंग हैं.


भारत में कितने कोर्ट केस पेंडिंग


लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया था कि 1 दिसंबर 2023 तक देश की अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 5,08,85,856 थी. इसमें से 61 लाख से अधिक मामले देश के 25 उच्च न्यायालयों में लंबित थे. वहीं बाकी के  4.46 करोड़ से अधिक मामले जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में लंबित थे.


सुप्रीम कोर्ट की बात करें तो यहां हर साल मामले बढ़ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में जहां साल 2024 के जनवरी महीने में 80,221 मामले लंबित थे, वहीं 2023 में जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग मामलों की संख्या 78,400 थी. साल 2022 के जनवरी महीने की बात करें तो इस महीने में सुप्रीम कोर्ट में 70,101 मामले पेंडिंग थे. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या की बात करें तो, सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 है.


पाकिस्तान की अदालतों में कितने मामले लंबित


पाकिस्तान की अदालतों में भी लंबित मामलों की संख्या गंभीर चिंता का विषय है. एसोसिएट प्रेस ऑफ पाकिस्तान की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार,  साल 2023 तक पाकिस्तान की अदालतों में पेंडिंग मामलों की संख्या 26 लाख से ज्यादा थी. ये संख्या सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और निचली अदालतों में पेंडिंग मामलों के आधार पर बताई गई है.


वहीं पाकिस्तान बार काउंसिल और पाकिस्तानी मीडिया संस्थान, द डॉन और द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पर दी गई जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के पांच हाई कोर्ट्स- लाहौर, कराची, पेशावर, इस्लामाबाद और बलूचिस्तान में लंबित मामलों की संख्या लगभग 4 लाख है. जबकि, निचली अदालतों, जैसे कि जिला और सत्र न्यायालयों में, लगभग 18 लाख से अधिक मामले लंबित हैं.


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