General Knowledge: क्या आप जानते हैं सऊदी में डिवेलपमेंट के लिए मस्जिदें तोड़ी जा सकती हैं? लेकिन भारत में कानून क्या कहता है? दरअसल सऊदी अरब में सरकार ने मस्जिद अल-हरम और पैगंबर की मस्जिद का विस्तार करने के लिए हेजाज़ क्षेत्र, विशेष रूप से मक्का और मदीना के आसपास स्थित मस्जिदों और अन्य विरासत स्थलों को ध्वस्त कर दिया था. इन विस्तारों का उद्देश्य तीर्थयात्रा (हज) करने वाले मुसलमानों की बढ़ती संख्या को समायोजित करना था. साथ ही सऊदी अरब में चर्चों, मंदिरों और अन्य गैर-मुस्लिम पूजा स्थल बैन है.


क्या भारत में मस्जिदों को तोड़ा जा सकता है?


लेकिन भारत में इससे संबंधित कानून क्या है? क्या भारत में मस्जिदें तोड़ी जा सकती हैं? दरअसल भारत में उपासना स्थल अधिनियम के अनुसार मस्जिदों सहित उपासना स्थलों का धार्मिक चरित्र वैसा ही बनाए रखा जाना चाहिए जैसा वह 15 अगस्त, 1947 को था, जब भारत को स्वतंत्रता मिली थी. अगर इसमें किसी तरह का बदलाव किया जाता है तो वह भारतीय कानून के खिलाफ माना जाएगा. उपासना स्थल अधिनियम इसकी इजाजत नहीं देता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सऊदी में डिवेलपमेंट के लिए मस्जिदें तोड़ी जा सकती हैं.


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बताते चलें कि सऊदी अरब का मक्का और मदीना इस्लाम के सबसे पवित्र जगहों में शुमार है. मक्का का प्राचीन नाम बक्का था. इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद ने 7वीं शताब्दी में इस्लाम की घोषणा की थी. इस्लाम के आने से पहले मक्का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था.


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वहीं, मदीना शहर का प्राचीन नाम यसरब था. पैगंबर मुहम्मद ने ही इसका नाम रखा था. मदीना, इस्लाम के पावर बेस के रूप में काम करता था.


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