महिलाओं के टुकड़े-टुकड़े कर देता था वर्दी वाला यह 'एनिमल', टायरों के निशान से हत्थे चढ़ा था 200 कत्ल करने वाला हैवान
Most Dangerous Serial Killer: एनिमल फिल्म में कत्ल-ए-आम देखने के बाद हर कोई हैरान है. ऐसे में हम उन सीरियल किलर्स से रूबरू करा रहे हैं, जिनकी दहशत से दुनिया कांपती थी.
उसको वर्दी लोगों की सलामती के लिए मिली थी, लेकिन वह इस कदर हैवान बन गया कि वह जिन रास्तों पर निकलता, महिलाओं की लाशें मिलने लगतीं. वह महिलाओं के शरीर के टुकड़े इस तरह करता था, जैसे रुई धुन रहा हो. 'जब इंसान बना एनिमल' सीरीज के दूसरे पार्ट में हम आपको ऐसे खूंखार सीरियल किलर से रूबरू करा रहे हैं, जिसने एक-दो नहीं, 200 महिलाओं को सिर्फ इस वजह से मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि वह औरतों से नफरत करता था.
सबसे पहले शुरू हुआ कटी-फटी लाशें मिलने का सिलसिला
साल 1992 के दौरान सर्बिया के अलग-अलग शहरों जैसे अंगार्स्क और इरकुत्स्क में महिलाओं की लाशें मिलने का सिलसिला शुरू हुआ था. लाशों की हालत इतनी ज्यादा खराब होती थी कि लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते थे. किसी लाश के हाथ-पैर कटे होते थे तो किसी की आंखें तक निकाल ली जाती थीं. पुलिस ने इस मामले को सुलझाने की जितनी कोशिश की, उलझन उतनी ही ज्यादा बढ़ने लगी। आलम यह रहा कि लाख कोशिशों के बावजूद रशियन पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।
10 साल तक मिलती रहीं लाशें
1992 के बाद 2010 तक रूस में ऐसा कोई साल नहीं बीता, जब महिलाओं की कटी-फटी लाशें न मिलती हों। जैसे ही कहीं कोई लाश मिलती, लोगों में खौफ काफी हद तक बढ़ जाता। डर के मारे लोगों ने घर से निकलना ही बंद कर दिया था। वहीं, महिलाएं तो ग्रुप में ही बाहर जाती थीं, क्योंकि हत्यारा सिर्फ महिलाओं को ही अपना शिकार बना रहा था.
इस वजह से पुलिस के हाथ नहीं लगा हत्यारा
महिलाओं की लाशें लगातार मिलने से रशियन पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ था, लेकिन हत्यारे का पता लगाने में कोई भी कामयाबी नहीं मिल रही थी. हालांकि, एक दिन ऐसा भी आया, जब इन तमाम महिलाओं का कातिल पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. वह कोई और नहीं, बल्कि रशियन पुलिस विभाग में कार्यरत मिखाइल पोपकोव था, जो खुद भी एक पुलिसकर्मी था. डिपार्टमेंट में होने की वजह से वह बचने के रास्ते काफी आसानी से तलाश लेता था.
ऐसे गिरफ्त में आया यह दरिंदा
दरअसल, मिखाइल खुद पुलिसकर्मी था, जिसके चलते उस पर कोई शक नहीं करता था। हालांकि, तमाम क्रिमिनल्स की तरह उसने भी एक सबूत छोड़ दिया, जिसके चलते वह पकड़ा गया। दरअसल, 1992 से 2010 तक सभी वारदात के दौरान मिखाइल ने पुलिस वाहन का ही इस्तेमाल किया था, जिसके टायरों के निशान से उस पर शक हुआ और जांच के बाद उसे दबोच लिया गया.
महिलाओं को तड़पाकर होता था खुश
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं का कत्ल करने से पहले मिखाइल उनके साथ दुष्कर्म करता था. इसके बाद वह उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर देता था और सड़कों पर फेंक देता था. वह मदद करने के बहाने महिलाओं को अपनी कार में बैठा लेता था और सुनसान इलाके में वारदात को अंजाम देता था. वह महिलाओं को तड़पाकर काफी खुश होता था.
बयान सुन पुलिस भी रह गई थी हैरान
गौर करने वाली बात यह है कि शुरुआत में मिखाइल ने सभी हत्याएं नहीं कबूली थीं. उसने सिर्फ 22 महिलाओं का कत्ल करना स्वीकार किया, जिसके लिए उसे 2015 के दौरान उम्रकैद की सजा सुनाई गई. इसके तीन साल बाद उसने 59 और महिलाओं को बेरहमी से मारने का जुर्म कबूल किया। इसके बाद मिखाइल को उम्रकैद की सजा दोबारा सुनाई गई. वहीं, बाकी महिलाओं की हत्या के आरोप में पुलिस को मिखाइल के खिलाफ सबूत नहीं मिले. फिलहाल, मिखाइल रूस की जेल में सजा काट रहा है, लेकिन उसे अपने किए का कतई अफसोस नहीं है. वह कहता है कि उसे महिलाओं से नफरत है। उनका कत्ल करके वह गंदगी साफ कर रहा था.