यहां बनते हैं सबसे ज्यादा भारतीय ट्रेनों के कोच, दुनिया में सबसे बड़ी रेल फैक्ट्रियों में एक
भारतीय रेलवे भारत की लाइफ लाइन है. रेलवे के जरिए हर दिन लाखों यात्री बहुत किफायती टिकट में एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंच जाते हैं. जानिए भारत में सबसे अधिक रेलवे कोच कहां पर बनता है.
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारतीय रेलवे से हर दिन लाखों यात्री सफर करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिन ट्रेनों से आप सफर करते हैं, उनका कोच कहां पर बनता है. आज हम आपको बताएंगे कि भारत में सबसे अधिक रेलवे कोच किस रेलवे की फैक्ट्री में बनता है और हर साल इस फैक्ट्री में कितने कोच तैयार होते हैं.
रेलवे
भारतीय रेलवे लोगों का लाइफ लाइन है. भारत आधी से अधिक जनता रेलवे से ही सफर करना पसंद करती है. क्योंकि काफी किफायती रेट में यात्री एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंच जाते हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जिस रेलवे ट्रेन में आप सफर करते हैं, उनका कोच कहां पर बनता है. आज हम आपको रेलवे फैक्ट्री के बारे में बताएंगे.
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चेन्नई फैक्ट्री
बता दें कि चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी रेल कोच निर्माता फैक्ट्री है. जानकारी के मुताबिक बीते कुछ सालों से यहां हर साल 4000 से अधिक कोच बनते हैं. वहीं जून 2024 तक यह इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने 75000 रेल के डिब्बे तैयार किये थे. इनमें वंदे भारत के कोच भी शामिल है. बता दें कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में दो मेन डिवीजन हैं. पहला शेल डिवीजन और दूसरा फर्निशिंग डिवीजन है. शेल डिवीजन में 14 अलग-अलग यूनिट हैं, जो मिलकर ट्रेन के डिब्बे के ढांचे का निर्माण करते हैं. वहीं डिब्बे के निर्माण के बाद इसे व्हील सेट पर रखा जाता है. फर्निशिंग डिवीजन में यूनिट होते हैं. ये यूनिट डिब्बे के अंदर की फर्निशिंग, बाहर की पेंटिंग, डिब्बे में लाइट का काम और डिब्बे की अन्य काम करते हैं.
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1955 में हुआ था उद्घाटन
चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री का उद्घाटन 1955 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री सबसे शुरुआती प्रोडक्शन यूनिट में से एक है. फर्निशिंग डिवीजन का उद्घाटन 2 अक्टूबर 1962 को किया गया था. उस वक्त चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के निर्माण में उस समय 7 करोड़ 47 लाख रुपये की लागत आई थी.
रेल डिब्बे निर्यात
इतना ही नहीं चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में मेड इन इंडिया कोच बनाने के साथ ही विदेशों से भी कोच मंगवाए जाते हैं. जानकारी के मुताबिक सबसे पहले 1967 में थाईलैंड को निर्यात किया गया था. वहीं 13 से अधिक अफ्रीकी-एशियाई देशों में निर्यात किया गया है.
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