आज अगर किसी को मौत की सजा देनी हो तो उसके लिए फांसी की व्यवस्था है. लेकिन इतिहास में फांसी ही मौत की सजा देने का एक मात्र जरिया नहीं थी. आज हम आपको एक ऐसे तरीके के बारे में बताने वाले हैं जिसे इतिहास के सबसे क्रूर मौत की सजा देने वाले तरीकों में से एक कहा जाता है.


बैल के पेट वाली सजा


इतिहास में अपराधियों को सजा देने के लिए ऐसे-ऐसे तरीके अपनाए गए थे कि उनके बारे में सुनकर आपकी रूह कांप जाए. ऐसी ही एक सजा थी बैल के पेट में डालकर आग से जलाने की. दरअसल, जब किसी अपराधी को एक दम क्रूर सजा देनी होती थी तो उसे कांस के बने एक बैल के पेट में डालकर बंद कर दिया जाता था. इसके बाद उसके नीचे आग लगा दी जाती थी. जैसे-जैसे उस बैल का तापमान बढ़ता उसके अंदर मौजूद इंसान चीखने लगता और अंत में उसकी दर्दनाक मौत हो जाती. यह मौत देने की एक धीमी और क्रूर प्रक्रिया थी.


क्या नाम था इस डिवाइस का


क्रूर मौत देने वाली इस डिवाइस का नाम ब्रेजेन बुल था. इसका इस्तेमाल लगभग छठी शताब्दी ईसा पूर्व में प्राचीन ग्रीस में होता था. इस बुल की नाक में एक पाइप लगी होती थी और अंदर से ये पूरा खोखला होता था. जब यह सजा किसी को दी जाती थी तो उसकी चीख दूर-दूर तक सुनाई देती थी.


जिसने बनाया वो मरा


कहा जाता है कि इसे एथेंस के पेरिलॉस ने बनाया था और जब वह इसको दिखाने अपने सिसिली राज्य अक्रागास के तानाशाह फालारिस के पास गए तो फलारिस ने कहा कि पहले तुम इसके अंदर जाओ और बताओ की ये काम कैसे करता है. पेरिलॉस जैसे ही इस बैल के अंदर गए, नीचे से आग लगा दी गई. थोड़ी देर बाद पेरिलॉस अंदर से चीखने लगे. जब उन्हें बाहर निकाला गया तो वो बूरी तरह से जल गए थे, लेकिन फिर भी जिंदा थे. लेकिन उस तानाशाह ने उनका इलाज कराने की बजाय उन्हे पहाड़ी से नीचे फिंकवा दिया जिससे उनकी मौत हो गई.


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