Corona Virus: कोविड वायरस ने देश ही नहीं दुनिया में तहलका मचाया. घर घर में लोग इस वायरस की चपेट में आ गए. ओमीक्रॉन विश्व के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरा तो डेल्टा वेरिएंट से देश में हजारों लोगों की जान चली गई. इम्यून सिस्टम मजबूत होने, हर्ड इम्यूनिटी, वैक्सीनेशन के कारण एंटीबॉडीज डेवलप होने ऐसे कई कारक हैं, जिससे फिलहाल कोविड उतना खतरनाक नहीं रहा है. कोविड होने के बाद मौत होने की स्थिति तब आती है जब बॉडी के आर्गन काम करना बंद कर देते हैं. आज यही जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह स्थिति आती क्यों है?


इसलिए हो जाते हैं आर्गन फेल
डॉक्टरों का कहना है कि कोविड के मरीजों में पिछले कुछ वर्षाें में सामने आया है कि यह वायरस एंडोथेलियम को प्रभावित करता है. इससे पूरी बॉडी में सूजन आने लगती है. यह समस्या किसी विशेष अंग में नहीं होती, बल्कि वायरस के प्रति प्रतिक्रिया होती है. यह सूजन इसलिए होने लगती है, क्योंकि फेफड़ों में प्रॉपर ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही होती है. इससे बॉडी में ब्लड क्लॉट बढ़ जाते हैं. इसी कारण अन्य अंगों को ब्लड सप्लाई कम होने लगती है. इसी से लिवर फेल, किडनी फेल, फेफड़ों का काम न करना, अन्य आर्गन भी काम करना बंद कर देते हैं. 


बुजुर्ग और इन लोगों को परेशानी अधिक
कोविड वैसे तो कोई उम्र नहीं देखता. किसी भी उम्र के व्यक्ति को कोरोना हो सकता है. लेकिन इस वायरस की चपेट में वो अधिक आते हैं, जोकि बुजुर्ग है या फिर उन्हें कोई दूसरी बीमारी है. यदि किसी व्यक्ति को शुगर, हाइपरटेंशन या कोई अन्य बीमारी है तो ऐसे लोगों को कोविड होने की संभावना अधिक होती है. इसके अलावा कोविड से डेथ होने की संभावना भी ऐसे रोगियों की बढ़ जाती है. 


डाइट सही लेनी चाहिए
डॉक्टरों का कहना है कि कोविड होने वाले लोगों में कुपोषण की समस्या बढ़ी है. बीमार होने पर व्यक्ति सही डाइट नहीं ले पाता है. इससे उसे सही पोषण नहीं मिलता. पोषण सही न मिलने पर इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है. इम्यून सिस्टम को नुकसान होने पर अन्य बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टरों ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूर करें. मास्क पहनें, दो गज की दूरी बनाकर रखें और सेनिटाइजर का प्रयोग करें. भीड़ भाड़ वाले एरिया में जाने से बचें. स्वस्थ्य रहने के लिए उचित डाइट जरूर लें.