Temple in Muslim Country: पीएम मोदी के हाथों से अबू धाबी में हिंदू मंदिर का उद्घाटन होना है जिसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. मंदिर की भव्यता और खूबसूरती ऐसी है कि हर कोई इसका मुरीद हुआ जा रहा है. कुछ लोग इसे राम मंदिर से जोड़कर देख रहे हैं तो पढ़े-लिखे वर्गों के लोगों का ये भी कहना है कि इससे दोनों के बीच रिश्तों की बुनियाद और मजबूत हो गई है.
लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि किन-किन मुस्लिम देशों में अभी भी एक भी मंदिर नहीं है. आइए जानते हैं.
इन देशों के पास नहीं है एक भी मंदिर
1. सऊदी अरब का कानून
सऊदी अरब एक ऐसा मुस्लिम देश है, जहां एक भी मंदिर नहीं है. सऊदी इस्लाम प्रधान देश है, और अन्य किसी गैर भी धर्म के लोगों को अपने धर्म से संबंधित धार्मिक स्थल बनाने की इजाजत नहीं देता है. मंदिर-गुरुद्वारा-चर्च आदि बनाना सऊदी में बैन है.
गौरतलब है कि सऊदी की कुल 1.3% आबादी हिंदू लोगों की है. हिंदू वहां जनसंख्या में तीसरे स्थान पर हैं. बावजूद वहां कोई भी हिंदू मंदिर नहीं है.
2. कुवैत में चर्च है, मंदिर नहीं
कुवैत भी मुस्लिम प्रधान देश है. कुवैत में भी एक भी मंदिर नहीं है, हालांकि कुवैत में चर्च बनाने की इजाजत तो है मगर मंदिर बनाने की नहीं. अमेरिका के एक वेबसाइट यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के अनुसार कुवैत में 63 फीसद मुस्लिम, 26 फीसद ईसाई और 11फीसद गैर-मुस्लिम हैं. जिनमें मुख्यत: हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग शामिल हैं.
पाकिस्तान में कितने हिंदू मंदिर हैं
पाकिस्तान में आजादी के वक्त 428 मंदिर थे जबकि आज की तारीख में पाकिस्तान में कुल 22 मंदिर ही बचे हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक पाकिस्तान में बदलते दौर के साथ वहां की सरकार और सेना ने मंदिरों को तोड़ कर होटल, पार्क या स्पोर्ट्स ग्राउंड बना दिए. 2017 में हुई पाकिस्तान की जनगणना के अनुसार,पाकिस्तान में कुल 45 लाख लोग हिंदू हैं, जोकि कुल आबादी का 2.14 फीसद है.
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