Ram Setu: रामसेतु को लेकर मुस्लिमों का दावा- इसे आदम ने बनवाया, जानिए क्या कहते हैं वैज्ञानिक
Ram Setu: डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट में अमेरिकी टीवी शो के आधार पर बताया गया है कि हिंदू धर्म के अनुसार भगवान राम के श्रीलंका तक सेतु बनाने की पौराणिक कथा सच हो सकती है.
Ram Setu: फिल्मों से धार्मिक भावनाओं का आहत होना अब नई बात नहीं रह गई है. ऐसी कईं फिल्में हुई हैं जिनपर आरोप लगा है कि उनसे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. अब इस लिस्ट में प्रभास की अपकमिंग फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) भी शामिल हो गई है. जबसे इस फिल्म का टीजर लॉन्च हुआ है इसके बाद से रामायण (Ramayana)के अलग-अलग प्रसंग की चर्चा हो रही है. इस चर्चा से रामसेतु का मुद्दा भी बचा नही है. ऐसे में आज हम आपको रामसेतु (Ram Setu) के बारे में बताते हैं कि इससे जुड़े धार्मिक और वैज्ञानिक तथ्य क्या हैं. रामसेतु की लंबाई कितनी है और इसे बनाए जाने को लेकर क्या कहा जाता है.
राम सेतु है क्या?
हिंदु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रामसेतु एक पुल है, जो हिंद महासागर में डूबा हुआ है. यह पुल उस वक्त बनाया गया था, सीता को बचाने के लिए जब भगवान राम लंका जा रहे थे तब भारत के धनुषकोडी से आज के श्रीलंका तक जाने के लिए एक पुल बनाया गया था. कहा जाता है कि जब इसे बनाते समय पत्थरों पर श्री राम लिख दिया था और ये पत्थर डूबे नहीं, लेकिन मुस्लिम धर्म में भी इसे लेकर दावे किए जाते हैं. मुस्लिम धर्म के कुछ जानकारों का कहना है कि इस पुल को आदम ने बनवाया था.
क्या है वैज्ञानिकों का दावा?
डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट में अमेरिकी टीवी शो के आधार पर बताया गया है कि हिंदू धर्म के अनुसार भगवान राम के श्रीलंका तक सेतु बनाने की पौराणिक कथा सच हो सकती है. साइंस चैनल पर आए शो “एनशिएंट लैंड ब्रिज” में कई रिसर्चर्स ने दावा किया है कि भारत और श्रीलंका के बीच बनी 50 किलोमीटर लंबी ये चट्टानों की रेखा सात हजार साल पुरानी है, जबकि ये चट्टानें जिस बालू पर टिकी हैं, वह महज चार हजार साल पुराना ही है.
कई रिपोर्ट्स में भारत के पामबन टापू से श्रीलंका के मन्नार टापू तक फैली पुलनुमा चीज को इंसानों द्वारा बनाई हुई कहा गया है और ये पत्थर मानव निर्मित हैं और इन्हें किसी ने जमाया है. डीडब्ल्यू की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नासा की सेटेलाइट तस्वीरों और अन्य प्रमाणों के साथ विशेषज्ञों का कहना है कि चट्टानों और बालू की उम्र का गैप बताता है कि इस पुल को इंसानों ने ही बनाया होगा.
उम्र को लेकर क्या है सवाल?
अन्ना यूनिवर्सिटी और मद्रास यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आया है कि इस पुल की उम्र 18400 साल है. वहीं, कई रिपोर्ट्स में इन पत्थरों की उम्र सात हज़ार साल बताई है. प्रोजेक्ट रामेश्वरम् में जीएसआई ने अपनी स्टडी में बताया गया कि पुल 7 से 18 हजार साल पुराना है, जबकि कुछ रिपोर्ट कहती हैं कि यह पुल सिर्फ 500 से 600 साल पुराना है.
रामसेतु की लंबाई
वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में इस पुल को करीब 48 किलोमीटर लंबा बताया है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार (According to Hindus Religion) यह पुल ज्यादा लंबा हो सकता है. कहा जाता है कि यह पुल 100 योजन लंबा है. एक योजन 8 से 12 किलोमीटर का होता है. इस हिसाब यह 1000 किलोमीटर तक हो सकता है. लेकिन, धनुषकोडी से श्रीलंका (Shree Lanka) की दूरी इतनी नहीं है. और इसे बनने में लगने वाले वक्त को लेकर कहा जाता है कि इसे 5 दिन में बनाया गया था.
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