नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड के खिलाफ देशद्रोह का केस, इसमें कितनी मिलती है सजा और जमानत के क्या हैं नियम?
Nagpur Violence Case: नागपुर हिंसा में अरेस्ट किए गए फहीम शमीम खान पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है. जानें देशद्रोह के केस में कितनी मिलती है सजा और इसमें जमानत को लेकर क्या है नियम.

Nagpur Violence Case: : महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक झड़प में बदल गया. इस हिंसा में महाराष्ट्र पुलिस के 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इनमें तीन डीएसपी लेवल के ऑफिसर भी शामिल है. नागपुर में हिंसा करने वाले दंगाइयों ने पुलिस के वाहनों को भी नहीं छोड़ा. उन पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया गया.
महाराष्ट्र पुलिस ने हिंसा के इस पूरे प्रकरण के मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान को अरेस्ट कर लिया गया है.फहीम शमीम खान पर आरोप है कि उसने लोगों को उसका कर भीड़ बुलाई थी. 38 साल के आरोपी फहीम शमीम खान पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है. चलिए आपको बताते हैं. देशद्रोह के केस में कितनी मिलती है सजा और इसमें जमानत को लेकर क्या है नियम.
कितनी होती है देशद्रोह केस में सजा?
देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी के लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो जाती है. इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 के तहत केस दर्ज किया जाता है. यह भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कामों को अपराध घोषित करती है.
ऐसे केस में बीएनएस की धारा 152 के तहत अपराध साबित होने पर 7 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है. इसके अलावा इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है. अगर इसमें कोई व्यक्ति कानून शक्ति के प्रयोग को रोकने का प्रयास करता है. तो उसपर बीएनएस की धारा 226 भी लागू होती है. इसमें एक साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है.
जमानत को लेकर क्या है प्रावधान?
बीएनएस की धारा 152 के तहत दर्ज किए देशद्रोह के अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होते है. ऐसे में बिना एफआईआर के गिरफ्तार किया जा सकता है. इसमें जमानत के लिए न्यायालय में आवेदन देना होगा. अपराध की गंभीरता पर निर्भर करता है जमानत दी जाएगी या नहीं. नागपुर हिंसा केस में पुलिस पर हमला किया गया है ऐसे में आरोपी फहीम शमीम खान को जमानत मिलने में काफी मुश्किल हो सकती है.
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