स्पेस एजेंसी नासा ने एलर्ट जारी किया है. नासा का कहना है कि 3 एस्टेरॉयड तेजी से धरती की ओर बढ़ रहे हैं. सबसे बड़ी बात कि ये पृथ्वी के नजदीक से आज रात ही गुजरेंगे. नासा की जेट प्रोपल्सन लेबोरेट्री (JPL) के मुताबिक, एस्टेरॉयड 2024 OF2 पृथ्वी के काफी करीब से गुजर सकता है.


पृथ्वी से इसकी दूरी लगभग 38 लाख किलोमीटर हो सकती है. इसके अलावा नासा ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि अपोलो समूह का ये बड़ा एस्टेरॉयड 43,686 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है.


कितना बड़ा है एस्टेरॉयड 2024 OF2 


नासा के मुताबिक, एस्टेरॉयड 2024 OF2 लगभग 242 फीट चौड़ा है. ये भी अपोलो समूहा का एस्टेरॉयड है. वहं दूसरे एस्टेरॉयड का नाम है 2024 OR1. नासा ने इसे लेकर भी अलर्ट जारी किया है. फिलहाल ये एस्टेरॉयड धरती की ओर 30,311 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.


इसके अलावा एस्टेरॉयड 2024 PE को भी लेकर भी नासा ने अलर्ट जारी किया है. यह उल्कापिंड 58,195 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. इस उल्कापिंड का आकार 147 फीट चौड़ा है.


नासा कब जारी करता है अलर्ट


आपको बता दें, जब भी कभी बृहस्पति और मंगल ग्रह की कक्षा के बीच स्थित एस्टेरॉयड बेल्ट से कोई उल्कापिंड भटक कर पृथ्वी की ओर लगभग 80 लाख किलोमीटर क्षेत्र के दायरे में बढ़ने लगता है तब नासा अलर्ट जारी करती है. इस बार भी इन तीन एस्टेरॉयड को लेकर ऐसा ही हुआ. हालांकि, पृथ्वी के नजदीक होने का बावजूद भी ये उल्कापिंड पृथ्वी से इतनी दूरी पर हैं कि यहां रहने वाले इंसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.


बीते दिनों भी हुई थी ऐसी घटना


आज से दो दिन पहले भी नासा की ओर से  2024 OC उल्कापिंड को लेकर अलर्ट जारी किया गया था. 410 फीट का यह विशाल उल्कापिंड धरती की ओर 35,996 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था. यह चट्टान भी अपोलो समूह का था. हालांकि, पृथ्वी से इसकी भी दूरी इतनी ज्यादा थी कि आम लोगों को इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं थी. लेकिन कई बार कुछ उल्कापिंड पृथ्वी के इतने नजदीक आ जाते हैं कि उनकी वजह से कम्यूनिकेशन सिस्टम पर असर पड़ने लगता है और सैटेलाइट्स के मूवमेंट भी दिक्कत आने लगती है.


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