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अगर उस दिन नासा पृथ्वी की ओर आ रहे एस्ट्रॉयड को न रोक पाता, नतीजा जानकर रूह कांप गई!

नासा के वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि इस टक्कर से एस्टोरॉयड में गढ्ढा होगा, लेकिन ऐसा हुआ या नहीं अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.

वैसे तो आपने स्पेस एजेंसी नासा के हैरतअंगेज कारनामों के बारे में काफी कुछ सुन रखा होगा, लेकिन इस बार नासा ने जो किया है उसने खगोल विज्ञान के भविष्य का बड़ा टर्निंग प्वाइंट हो सकता है. दरअसल, धरती को बचाने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक एस्ट्रॉयड यानी क्षुद्रग्रह की दिशा मोड़ने का प्रयास किया है. यह एस्ट्रॉयड धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा था.   

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दावा किया है कि वह इस प्रयास में सफल रही है. इसके लिए नासा ने अपने एक मिशन के तहत एस्ट्रॉयड से उसके एक अंतरिक्ष यान की टक्कर करवाई. नासा के इस मिशन का नाम डार्ट, यानी डबल एस्ट्रॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट रखा है. इस मिशन को 27 सितंबर तड़के पौने पांच बजे अंजाम दिया गया.

नासा के डार्ट मिशन की शुरुआत नवंबर 2021 में हुई थी. डार्ट मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष से धरती की ओर आ रहे एस्ट्रॉयड को रोकना था. इसको लेकर नासा के वैज्ञानिक काम कर रहे थे.

वहीं मिशन के तहत एस्ट्रॉयड को रास्ते में ही रोकने के लिए नासा ने अपने अंतरिक्ष यान को मिशन का हिस्सा बनाया. यह अंतरिक्ष यान एस्ट्रॉयड की तरफ 24 हजार किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था और उससे जा टकराया. वहीं इस पूरी प्रक्रिया को एजेंसी ने प्लेनेट्री डिफेंस बताया है.    

खतरों को रोकने की तकनीक
नासा के प्लेनेट्री डिफेंस आफिसर लिंडले जॉनसन का इस बारे में कहना है कि हमारी कोशिश रही है कि ऐसी तकनीक को विकसित किया जाए जो धरती पर आने वाले खतरों को रोक सके. हम अपनी ज्यादा से ज्यादा क्षमताओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे कि कोई भी एस्ट्रॉयड पृथ्वी को नुकसान न पहुंचाए. 

नासा का यह मिशन एस्ट्रॉयड के टुकड़े करने को लेकर तो नहीं था लेकिन उसकी दिशा मोड़ने को लेकर जरूर था. यह एस्ट्रॉयड पृथ्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता था. इस स्टेरॉयड का आकार एक फुटबॉल स्टेडियम के बराबर बताया गया है. 

कौन से एस्ट्रॉयड से टकराया अंतरिक्ष यान
नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष में डिडिमोस नाम का एक एस्ट्रॉयड है. इस एस्ट्रॉयड का एक मूनलेट यानी सैटेलाइट है, जिसका नाम है डाइमॉरफस. यही डाइमॉरफस पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा था. नासा के मुताबिक, उसका स्पेसक्राफ्ट डार्ट मिशन के तहत डाइमॉरफस से टकराया है. 

क्या हो अगर पृथ्वी से टकरा जाए एस्ट्रॉयड?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अंतरिक्ष में पृथ्वी के आसपास करीब आठ हजार नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) हैं. आसान भाषा में इन्हें विशालकाय पत्थर कह सकते हैं. इनमें से कुछ का व्यास 460 फीट से भी ज्यादा है. इनमें से एक पत्थर अगर पृथ्वी पर गिरता है तो यह अमेरिका जैसे एक देश को खत्म कर सकता है और अगर समुद्र में गिरता है तो अब तक की सबसे भयानक सुनामी ला सकता है. 

160  मीटर चौड़ा था एस्ट्रॉयड
नासा के अनुसार, अंतरिक्ष में जो एस्ट्रॉयड चक्कर काट रहा है वह 160 मीटर चौड़ा था. वैज्ञानिकों के ही मुताबिक करोड़ो वर्ष पहले पृथ्वी से बहुत बड़ा एस्ट्रॉयड टकराया था, जिससे धरती पर प्रलय आ गई थी. इससे ही डायनासोर जानवर खत्म हो गए थे. इसी को देखते हुए एजेंसी को लगता है कि अंतरिक्ष में मौजूद एस्ट्रॉयड धरती से दोबारा ना टकराएं इसलिए यह कोशिश की जा रही है.   

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक नासा के इस मिशन की सफलता से तय है भविष्य में पृथ्वी की तरफ आने वाले ऐसे खतरों से निपटा जा सकेगा. मतलब किसी एस्ट्रॉयड से पृथ्वी का महाविनाश होने से बचाया जा सकता है. 

एस्ट्रॉयड 22,500 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा था, जिसे डार्ट मिशन के यान ने टक्कर मारी. हालांकि नासा के वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि इस टक्कर से एस्ट्रॉयड में गढ्ढा होगा, मगर एस्ट्रॉयड में गढ्ढा हुआ या नहीं अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है क्योंकि टक्कर के समय यान का रेडियो सिग्नल बंद हो गया था. एस्ट्रॉयड किस दिशा में गया है इसकी सटीक जानकारी कुछ समय बाद पता चलेगी. 

चीन भी कर रहा अभियान की तैयारी
बता दें कि नासा की ही तर्ज पर 2026 में चीन भी एक ऐसे ही अभियान का अंजाम देने वाला है. चीन की स्पेस एजेंसी 40 मीटर व्यास वाले PN1 नाम वाले एस्ट्रॉयड को टक्कर मार कर अंतरिक्ष में ही उसकी दिशा मोड़ने वाली है.  

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