पृथ्वी पर पांच महासागर हैं- प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर, हिंद महासागर और अंटार्कटिक महासागर. इन पांचों महासागरों के पानी को मिला दिया जाए तब भी यह उस जल भंडार को नहीं भर पाएंगे, जिसकी खोज हाल ही में नासा के वैज्ञानिकों ने की है. हम बात कर रहे हैं ऐसे महासागर की, जो हमारी पृथ्वी से करीब 12 अरब प्रकाशवर्ष दूर ब्रह्मांड में स्थित है. यह अब तक का सबसे बड़ा महासागर माना जा रहा है. यह इतना बड़ा है कि पृथ्वी का सारा पानी इसमें उड़ेल दिया जाए तब भी यह खाली रह जाएगा.
नासा ने बताया है कि हमारे ब्रह्मांड में मौजूद एक क्वासर में इस जल भंडार को खोजा गया है, जहां काफी मात्रा में पानी मौजूद है. इस महासागर को APM 08279+5255 नाम दिया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के वैज्ञानिक मैट ब्रैडफोर्ड ने इसकी खोज की है.
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क्यों है समुद्र का 'थानोस'?
हम इसे समुद्र का थानोस इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि यह महासागर इतना विशाल है कि इसमें पृथ्वी पर मौजूद सभी महासागरों के जल से 14 खरब गुना ज्यादा पानी मौजूद है. इसकी खोज करने वाले वैज्ञानिक ब्रैडफोर्ड ने बताया है कि जिस क्वासर में इसे खोजा गया है, वह अद्वितीय है, क्योंकि यह जल भंडार खुद ही बड़ी मात्रा में पानी उत्पन्न कर रहा है. जिस क्वासर में इसे खोजा गया है, उसकी खोज 50 साल पहले की गई थी.
क्यों जरूरी है खोज?
इंसान पृथ्वी के अलावा दूसरे ग्रहों पर लंबे समय से पानी की तलाश कर रहा है. हमें चांद पर कुछ पानी के अणु मिले तो हैं, लेकिन इसकी ठोस प्रमाणिकता नहीं है. ऐसे में इस जल भंडार का पता चलना वैज्ञानिकों के लिए हैरान कर देने वाला है. यह इस बात का संकेत है कि ब्रह्मांड की शुरुआत से ही पानी मौजूद था और ऐसे जल के और भी भंडार हो सकते हैं. क्वासर में पानी का भंडार मिलना इस बात के भी संकेत हैं कि ब्रह्मांड की शुरुआत में ही पानी के अलावा जीवन के लिए अन्य पोषक तत्व भी मौजूद हो सकते हैं.
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