क्या अब इस ग्रह पर बसेंगे इंसान, हम मंगल और चांद की बात नहीं कर रहे...
इस ग्रह की सबसे खास बात ये है कि ये धरती से बड़ा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस नए ग्रह पर हाइड्रोजन से भरपूर वातावरण और पानी से भरे समुद्र के संकेत मिले हैं.
इंसानों के लिए अब धरती कम पड़ने लगी है, यही वजह है कि इंसान अब दूसरे ग्रहों पर जीवन तलाश रहे हैं. चांद और मंगल ग्रह तक हमारी पहुंच हो चुकी है, लेकिन यहां जीवन की संभावना नज़र नहीं आ रही. हालांकि, हम जिस ग्रह की बात कर रहे हैं, वहां जीवन की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि अमेरिकी स्पेस एजेंसी का मानना है कि इस ग्रह पर पानी से भरे समुद्र होने का संकेत मिला है. चलिए आपको इस अनोखे और जीवन के आसार से भरे ग्रह के बारे में बताते हैं.
कहां है ये ग्रह?
इस ग्रह को ढूंढा है अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप ने. दरअसल, इस टेलीस्कोप ने सौर मंडल से दूर एक एक्सोप्लैनेट का निरीक्षण किया और उसके डेटा के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां जीवन की संभावनाएं किसी भी अन्य ग्रह के मुकाबले ज्यादा हैं. वैज्ञानिकों को यहां तक पता चला कि इस एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल के भीतर मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद है.
धरती से बड़ा है ये ग्रह
इस ग्रह की सबसे खास बात ये है कि ये धरती से बड़ा है. वो भी थोड़ा बहुत नहीं, बल्कि ये धरती से लगभग 8.6 गुना बड़ा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस नए ग्रह पर हाइड्रोजन से भरपूर वातावरण के संकेत मौजूद हैं. वहीं इसके सतह पर एक विशाल समुद्र का संकेत भी मिला है. वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस प्रकार के संकेत इस ग्रह से मिल रहे हैं, उसे देख कर ये जरूर बताया जा सकता है कि यहां जीवन की संभावनाएं बन सकती हैं.
क्या नाम है इस ग्रह का?
हम जिस ग्रह की बात कर रहे हैं, उसे वैज्ञानिक k2-18b के नाम से जानते हैं. ये ग्रह छोटे से तारे k2-18 की परिक्रमा करता है. के2-18 हमारी पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर है. इस ग्रह को सबसे पहली बार नासा के केपलर स्पेस टेलीस्कोप ने साल 2015 में ढूंढा था. हालांकि, अब इस पर नजर जेम्स वेब टेलीस्कोप रख रहा है.