30 सालों में काफी बढ़ गया समुद्र का जलस्तर, डराने वाली है NASA की ये रिपोर्ट! जानिए भारत को कितना खतरा
नासा के आंकलन के अनुसार, 1993 से अब तक समुद्र का स्तर 9 सेंटीमीटर तक बढ़ गया है. अनुमान के हिसाब से 2050 तक समुद्र का स्तर 0.66 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से बढ़ना शुरू हो जाएगा.

Sea Level: समुद्र का बढ़ता जल स्तर कई छोटे-छोटे द्वीप और कई देशों के लिए बड़ा खतरा है. हाल ही में NASA के एक आकलन से पता चला है कि पिछले 30 सालों में समुद्र का स्तर 9 सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ गया है. सुनने में 9 सेंटीमीटर एक छोटी सी संख्या लगती है, लेकिन समुद्र का जलस्तर इस तरह बढ़ना असल में एक बुरी खबर है. भले ही ये तुलनात्मक रूप से बेहद छोटा सा बदलाव लगता है, लेकिन इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है.
दुनिया के बड़े शहरों को इससे खतरा
समुद्र के जलस्तर के बढ़ने को लेकर वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) की हालिया रिपोर्ट में भी चेताया गया है. उसमें कहा गया है कि मुंबई, शंघाई, ढाका, बैंकॉक, जकार्ता, मापुटो, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, ब्यूनोस एयर्स, सैनटियागोलागोस, कायरो, लंदन और कोपेनहेगन जैसे दुनिया के बड़े शहरों को इससे खतरा है.
ला नीना (La Niña) वो प्राकृतिक प्रभाव है, जो समय-समय पर महासागरों को ठंडा करने का काम करता है. लेकिन, अगर इसके कारण होने वाले बदलाव को भी देखें, तब भी समुद्र का स्तर बढ़ ही रहा है. अनुमान के हिसाब से 2050 तक समुद्र का स्तर 0.66 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से बढ़ना शुरू हो जाएगा.
बढ़ते जल स्तर से भारत कितना प्रभावित
वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में भारत को लेकर भी चेताया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर से भारत को भी बहुत खतरा है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मुंबई शहर को सबसे ज्यादा खतरा है. इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) ने साल 2021 में अपनी एक रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट के आधार पर RMSI का अनुमान था कि साल 2050 तक समुद्र के बढ़ते जलस्तर की वजह से मुंबई, चेन्नई, विशाखापट्टनम तिरुवनंतपुरम, कोच्चि और मंगलौर सहित कई शहर डूब सकते हैं. हालांकि, शहरों के पूरी तरह से डूबने की बात नहीं कही गई, बल्कि निचले तटीय इलाकों में स्थित गांवों पर इसका असर हो सकता है. तीनों और से समुद्र से घिरे होने के कारण भारत की तटीय सीमा 7,500 किलोमीटर लंबी है. इसके आसपास घनी आबादी में लोग रह रहे हैं, इसलिए समुद्र का जलस्तर बढ़ना हल्के में नहीं लिया जा सकता.
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