नासा ने हाल ही में रेड स्पाइडर नेबुला की कुछ आश्चर्यजनक तस्वीरें शेयर की हैं, जिन्होंने दुनिया भर के खगोलविदों और अंतरिक्ष प्रेमियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. यह नेबुला अपनी अनोखी संरचना और रंगों के कारण खास है. ऐसे में चलिए आज इस आर्टिकल में जानते हैं कि आखिर ये रेड स्पाइडर नेबुला इतना खास क्यों है और जानते है कि आखिर इसमें दिलचस्प क्या है.


क्या है रेड स्पाइडर नेबुला क्या है?


रेड स्पाइडर नेबुला एक ग्रहीय नेबुला है, जो एक मरते हुए तारे के बाहरी परत से निकलने वाली गैस और धूल से बना होता है. ये नेबुला धरती से लगभग 3,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. इसका नाम इसकी अनोखी आकृति के कारण रखा गया है, जो एक विशाल मकड़ी के जाले जैसा दिखता है. इसे औपचारिक रूप से NGC 6537 के रूप में जाना जाता है, ये धनु राशि में स्थित है. यह विशेष नेबुला दिलचस्प है क्योंकि ऐसा लगता है कि इसमें साथी तारे या चुंबकीय क्षेत्रों के प्रभाव से बनी दो-पालिदार चीजें बनी हुई हैं.


इसमें पालियों का पैटर्न S-आकार का है तथा उनकी बाहरी सतहें सपाट न होकर खुरदरी और लहरदार हैं. नासा ने इसकी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर कर लिखा, “ग्रहीय नेबुला की इस तस्वीर में गर्म गैस की नारंगी लहरें, एक ब्लैक विडो मकड़ी के घुमावदार पैरों जैसी दिखती हैं, जो एक गुलाबी चमकते हुए कोर को घेरती हैं. इसके बीच में प्रकाश के सफ़ेद बिंदु दिखाई दे रहे हैं.”






नासा ने क्या किया खुलासा?


रेड स्पाइडर नेबुला के बारे में अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया कि नेबुला सबसे गर्म सितारों में से एक का घर है और इसपर दबाव इसके चारों ओर गैस को चलाता है. ये 100 बिलियन किमी ऊंची शॉकवेव बनाता है. ये तरंगें इस तस्वीर में मकड़ी के पैरों जैसी चाप की तरह दिखती हैं, जबकि बीच में तारा एक ब्लैक विडो मकड़ी के चंगुल जैसा दिखता है.


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तस्वीरें क्यों हैं इतनी खास?


नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा ली गई इन तस्वीरों में रेड स्पाइडर नेबुला का बहुत ही साफ दिखाई दे रहा है. इन तस्वीरों से खगोलविदों को नेबुला की संरचना और रचना के बारे में ज्यादा जानकारी पाने में मदद मिल रही है. नेबुला के अलग-अलग रंग हमें इसके बारे में बहुत कुछ बताते हैं. उदाहरण के लिए, लाल रंग हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति को दर्शाता है, जबकि नीला रंग ऑक्सीजन गैस की उपस्थिति को दर्शाता है. इन रंगों की तेजी और वितरण से वैज्ञानिक नेबुला के तापमान, घनत्व और रासायनिक संरचना के बारे में अनुमान लगा सकते हैं.


रेड स्पाइडर नेबुला की अनोखी संरचना खगोलविदों के लिए एक पहेली है. इसकी जटिल और साफ संरचना में धूल और गैस के तंतु, धनुषाकार संरचनाएं और गोले शामिल हैं. ये संरचनाएं तारे के मरने के दौरान हुए विस्फोट और गैसों के फैलाव के कारण बनी हैं.


तस्वीरें से क्या जानकारी मिल रही है?


इन तस्वीरों से खगोलविदों को तारों के जीवन चक्र के बारे में ज्याजा जानकारी मिल रही है. वो ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि तारे कैसे मरते हैं और उनके मरने के बाद क्या होता है. इसके अलावा ये तस्वीरें हमें ब्रह्मांड की सुंदरता और विविधता के बारे में भी बताती हैं. खगोलविद इन तस्वीरों का उपयोग करके ब्रह्मांड में होने वाली कई तरह की प्रक्रियाओं, जैसे कि तारों का निर्माण और विकास, सुपरनोवा विस्फोट और ब्लैक होल के निर्माण को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश कर रहे हैं.


बता दें रेड स्पाइडर नेबुला का व्यास लगभग 0.5 प्रकाश वर्ष है. नेबुला के केंद्र में स्थित तारे का तापमान लगभग 100,000 डिग्री सेल्सियस है. खगोलविदों का अनुमान है कि ये नेबुला लगभग 10,000 साल पुराना है. नासा द्वारा शेयर की गईं इन तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर इस तस्वीर को 6 लाख से ज्यादा बार डबल टैप किया गया है.


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