संसद से लेकर विधानसभा तक कब-कब बजाया जाता है राष्ट्रगान, जानिए क्या कहता है नियम
संविधान के मुताबिक देश के हर नागरिक को राष्ट्रगान का सम्मान करना जरूरी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि संसद से लेकर विधानसभा तक कब-कब राष्ट्रगान बजाया जाता है. जानिए इसको लेकर नियम क्या कहता है.
देश में जब भी कहीं पर भी राष्ट्रगान बजाया जाता है, उस समय सम्मान में हर नागरिक को खड़ा होना होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में किन-किन प्रमुख मौकों पर राष्ट्रगान बजाना जरूरी होता है और इसके लिए संविधान में दिशानिर्देश है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
क्या है मामला?
बता दें कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि बीते 6 जनवरी 2025 के दिन विधानसभा के पहले सत्र के दिन सदन पहुंचे थे. लेकिन राज्यपाल आरएन रवि इस दौरान बिना पारंपरिक संबोधन दिए ही वहां से चले गये थे. उन्होंने बाद में इसके पीछे की वजह बताते हुए शिकायत किया है. उन मुताबिक निर्धारित संबोधन से पहले राष्ट्रगान नहीं बजाया गया था. राजभवन ने आरोप लगाया है कि तमिलनाडु विधानसभा में भारत के संविधान और राष्ट्रगान का अपमान किया गया है. बयान में कहा गया है कि राष्ट्रगान का सम्मान संविधान में निहित पहले मौलिक कर्तव्यों में एक है. इसे सभी राज्य विधानसभाओं में राज्यपाल के अभिभाषण की शुरुआत और अंत में गाया जाता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान न गाना गंभीर चिंता का विषय है. आज हम आपको बताएंगे कि राष्ट्रगान से संबंधित दिशानिर्देश क्या हैं.
किन मौकों पर बजाया जाता है राष्ट्रगान
बता दें कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक कुछ प्रमुख मौकों पर राष्ट्रगान गाना जरूरी होता है.
• राष्ट्रपति जब संसद में अपनी सीट पर पहुंचती है, तो उस दौरान राष्ट्रगान बजाया जाता है. इसके बाद ही राष्ट्रपति सीट पर बैठती हैं.
• वहीं जब राष्ट्रपति अपना अभिभाषण खत्म करती हैं, उसके बाद जब राष्ट्रपति जाने के लिए सीट से खड़ी होती हैं. तब फिर राष्ट्रगान बजाया जाता है. जिसके बाद ही राष्ट्रपति सदन से बाहर जाती हैं.
• सिविल और सैन्य अवसर.
• जब राष्ट्रीय सलामी राष्ट्रपति या राज्यपाल/उपराज्यपाल को उनके संबंधित राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में औपचारिक अवसरों पर दी जाती है.
• परेड के दौरान बजाया जाता है.
• इसके अलावा औपचारिक राजकीय समारोहों पर बजाया जाता है.
• राष्ट्रपति द्वारा आकाशवाणी या दूरदर्शन पर राष्ट्र को संबोधन से पहले और संबोधन के बाद बजाया जाना चाहिए.
• राज्यपाल/उपराज्यपाल के अपने राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में औपचारिक राजकीय समारोहों में आगमन पर तथा ऐसे समारोहों से उनके प्रस्थान पर बजाया जाना चाहिए.
• राष्ट्रीय ध्वज को परेड में लाने के समय.
• नौसेना में ध्वज फहराने के दौरान.
राष्ट्रगान को लेकर संविधान में क्या है नियम
भारतीय संविधान में राष्ट्रगान को लेकर नियम हैं. भारतीय संविधान की धारा 51(ए)(ए) के मुताबिक भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह संविधान का पालन करे. इतना ही नहीं उसे आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना होगा. राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
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