भारत में कई शहरों के लिए कहा जाता है कि वो निजामों या नवाबों का शहर है. आपने भी नवाब और निजाम के बारे में काफी कुछ सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इन दोनों पदों में क्या अंतर है. कई लोगों का कहना है कि ये दोनों अलग होते हैं और कई लोगों का मानना है कि दोनों पद एक ही होते हैं और नवाब या निजाम को एक ही कहा जाता है. ऐसे में सवाल है कि आखिर सच्चाई क्या है और क्या दोनों में अंतर है और अगर ऐसा है तो जानते हैं कि आखिर दोनों पदों में क्या फर्क है. 


क्या होते हैं नवाब?


नवाब शब्द को लेकर कहा जाता है कि इसकी उत्पत्ति फारसी शब्द नाइब से हुई है और उसके मतलब है डिप्टी. यह खास तरह का पद होता है, जो किसी प्रांत या रियासत के गवर्नर को दी जाती थी. 'नवाब' अपने प्रांत या राज्य के प्रशासन के लिए जिम्मेदार था और उसके अधिकार क्षेत्र में कुछ अधिकार थे और कुछ स्वतंत्रता भी थी. यानी जो लोग ये मानते हैं कि मुगल या ब्रिटिश टाइम के वक्त जो मुस्लिम राजा थे, उनके बेटे को नवाब कहा जाता है. तो ऐसा नहीं है, नवाब एक प्रशासक को दिया जाने वाला पद है. ये उपाधि किसी प्रशासक को दी जाती थी. 


फिर क्या होते हैं निजाम?


अगर निजाम की बात करें तो निजाम हैदराबाद रियासत के शासक को दी गई एक उपाधि थी, जो ब्रिटिश काल के दौरान भारत के सबसे बड़े और सबसे धनी राज्यों में से एक थी. ये उपाधि प्रशासकों को नहीं, बल्कि शासकों को दी जाती थी यानी ये डिग्री राजपरिवार के सदस्यों को मिलती थी यानी ये वंशानुगत मिलने वाली डिग्री है.


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