शरद पवार ने ठुकराई Z+ सिक्योरिटी, क्या कोई वीआईपी ऐसा कर सकता है? ये है नियम
Z+ कैटगरी में 10 से अधिक NSG कमांडो होते हैं. इसके अलावा घर की सुरक्षा के लिये अतिरिक्त CRPF के जवान और स्थानीय पुलिसकर्मी होते हैं. Z+ कैटगरी में सुरक्षाकर्मियों की कुल संख्या 36 होती है.
देश के गृह मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार को जेड प्लस (Z+) सिक्योरिटी देने का निर्णय लिया था. लेकिन अब शरद पवार ने जेड प्लस सिक्योरिटी लेने से इंकार कर दिया है.
उनका कहना है कि पहले वह देखेंगे कि उनके खिलाफ किस प्रकार का थ्रेट परसेप्शन है और इसके बाद वह फैसला लेंगे कि उन्हें सुरक्षा लेनी है या नहीं. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या कोई वीआईपी केंद्र सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा को मना कर सकता है. चलिए आपको इसके बारें में विस्तार से बताते हैं.
शरद पवार क्यों नहीं लेना चाहते सुरक्षा
एनसीपी प्रमुख शरद पवार इससे पहले भी केंद्र से मिली सुरक्षा को लेकर उदासीनता व्यक्त कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने केंद्र से मिली सुरक्षा को लेकर कहा था कि जेड प्लस सिक्योरिटी उनके बारे में प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने का एक तरीका हो सकता है.
क्या कहता है नियम
सरकार को जब किसी वीआईपी के लिए खुफिया विभाग से थ्रेट की जानकारी प्राप्त होती है तो थ्रेट की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्रालय उस वीआईपी को सुरक्षा प्रदान करती है. यह थ्रेट के हिसाब से Y, Z या Z+ किसी भी कैटगरी कि सिक्योरिटी हो सकती है. सुरक्षा मिलने के बाद वीआईपी चाहे तो कोई वैलिड कारण बताते हुए सुरक्षा वापिस कर सकता है.
उदाहरण देकर समझाऊं तो साल 2014 में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम (P. Sathasivam) को रिटायरमेंट के बाद वीआईपी सुरक्षा देने का निर्णय किया गया. लेकिन उन्होंने सुरक्षा लेने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उनके घर में सुरक्षाकर्मियों के लिए कोई विशेष स्थान नहीं है, क्योंकि उनका घर छोटा है. हालांकि, इसके बाद भी खतरे का आंकलन करते हुए सरकार चाहे तो एक जवान को वीआईपी की सुरक्षा में लगा सकती है.
Z+ कैटगरी में किस तरह की सुरक्षा मिलती है
Z+ कैटगरी में 10 से अधिक NSG कमांडो होते हैं. इसके अलावा घर की सुरक्षा के लिये अतिरिक्त CRPF के जवान और स्थानीय पुलिसकर्मी होते हैं. कुल सुरक्षाकर्मियों की संख्या की बात करें तो जेड प्लस सिक्योरिटी में कुल 36 सुरक्षाकर्मी एक वीआईपी की सिक्योरिटी में लगे होते हैं. ये सुरक्षा वीआईपी को घर, कार्यालय, राज्य और दूसरे राज्य में जाने पर भी मिलती है.
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